Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
- और तुम क़ियामत में यूं आएंगे । आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपनी उंगलियों को एक साथ मिलाया । (المطالب العالیہ،کتاب الرقاق،باب الوصایا النافعۃ، ٧/٥٧٠ حدیث:٣١٤٣)
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! देखा आप ने कि प्यारे करीम आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने हमें छोटे बहन भाइयों के साथ शफ़्क़त करने, बड़ों का
अदबो एह़तिराम करने का ह़ुक्म दिया है लेकिन अफ़्सोस कि फ़ी ज़माना जिस त़रह़ हम नेक कामों से दूर होती जा रही हैं, वहीं बहन भाइयों के साथ ह़ुस्ने सुलूक करने, उन की ह़ाजत रवाई करने, उन के दुख सुख में काम आने, उन की ज़रूरिय्यात का ख़याल रखने से भी दूर होती जा रही हैं बल्कि बा'ज़ तो ऐसी बद नसीब भी हैं जो वालिदैन के रुख़्सत होने के साथ ही बहन भाइयों से कनारा कशी या'नी दूरी इख़्तियार कर लेतीं और कई कई महीनों तक उन की ख़ैरिय्यत भी दरयाफ़्त नहीं करतीं । फ़ी ज़माना बिल ख़ुसूस बहनों के साथ जो सुलूक किया जाता है किसी से पोशीदा नहीं । اَلْاَمَان وَالْحَفِیْظ
आइये ! बहन के साथ सिलए रेह़मी न करने और उस के ह़ुक़ूक़ से ला परवाही बरतने वाले शख़्स का इ़ब्रतनाक वाक़िआ सुनिये और ख़ौफे़ ख़ुदा से लरज़ जाइये ! चुनान्चे,
मन्क़ूल है कि एक अमीर शख़्स ने ह़ज का इरादा किया, तो एक और अमीर शख़्स के पास अ़रफ़ा से लौटने तक बत़ौरे अमानत हज़ार दीनार रखे, जब वापस आया, तो उसे मरा हुवा पाया, उस ने अपने माल के मुतअ़ल्लिक़ उस की औलाद से दरयाफ़्त किया लेकिन उस की कोई ख़बर न थी । लिहाज़ा उस ने मक्कए मुकर्रमा के उ़लमाए किराम से इस मसअले का ह़ल दरयाफ़्त किया, तो उन्हों ने इरशाद फ़रमाया : जब आधी रात हो, तो आबे ज़मज़म के कुंवें के पास आ कर उस में देखना और फिर उस मरने वाले शख़्स का नाम ले कर आवाज़ देना, अगर वोह अहले ख़ैर से हुवा, तो पहली ही बार पुकारने पर तुम्हें जवाब देगा । चुनान्चे, वोह गया और उस में आवाज़ दी लेकिन किसी ने उसे जवाब न