Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
मुतअ़ल्लिक़ बद गुमानियों से बचें, ह़त्तल इमकान उन की जाइज़ ख़्वाहिशात और अह़कामात की तक्मील करें, हमेशा उन से अच्छे तअ़ल्लुक़ात क़ाइम रखें और अगर कभी नाराज़ हो जाएं, तो ख़ुद बढ़ कर बड़े भाई से मुआफ़ी मांगें और उन्हें मनाने के लिये जिस क़दर मुमकिन हो, कोशिश करें ।
ह़ज़रते सय्यिदुना जरीर बिन ह़ाज़िम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं कि मैं ने एक मरतबा ख़्वाब देखा कि मेरा सर मेरे हाथों में है, इस की ता'बीर जानने के लिये मैं ने अपना येह ख़्वाब मश्हूर ताबेई़ बुज़ुर्ग ह़ज़रते इमाम मुह़म्मद बिन सीरीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ को सुनाया (जो ख़्वाबों की ता'बीर बताने में काफ़ी महारत रखते थे) । उन्हों ने मुझ से पूछा कि तुम्हारे वालिदैन में से कोई ज़िन्दा है ? मैं ने कहा : जी नहीं ! तो उन्हों ने इरशाद फ़रमाया : तुम्हारा कोई बड़ा भाई है ? मैं ने कहा : जी हां ! आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ ने इरशाद फ़रमाया : उस के मुआमले में अल्लाह पाक से डरते रहो, उस के साथ ह़ुस्ने सुलूक का बरताव करो और क़त़ए़ तअ़ल्लुक़ी से बाज़ रहो । (شعب الایمان، ۶/ ۲۱۰، حدیث:۷۹۲۸)
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बड़े भाई को भी चाहिये कि येह ज़ेहन न बनाए कि छोटे ही मेरी इ़ज़्ज़त करें, मैं चाहे उन के साथ सख़्त लहजे में बात करूं । याद रखिये ! इस्लाम ने हर एक के ह़ुक़ूक़ व आदाब बयान फ़रमाए हैं । जहां छोटों को ह़ुक्म दिया कि अपने बड़ों का अदब करें, वहीं बड़ों को भी ह़ुक्म दिया कि वोह भी छोटों से शफ़्क़त व मह़ब्बत का बरताव करें, उन की ज़रूरिय्यात का ख़याल रखें, उन की अच्छी तरबिय्यत करें । आइये ! इस बारे में 2 फ़रामैने मुस्त़फ़ा सुनिये । चुनान्चे,
- इरशाद फ़रमाया : لَیْسَ مِنَّامَنْ لَّمْ یَرْحَمْ صَغِیْرَنَاوَیُوَ قِّرْ کَبِیْرَنَاوَیَعْرِفْ لَنَا حَقَّنَا जो हमारे छोटों पर रह़म न करे, हमारे बड़ों की इ़ज़्ज़त न करे और मुसलमान का ह़क़ न जाने, वोह हम से नहीं । (معجم الکبیر،١١/ ٣٥٥، حدیث:١٢٢٧٦)
रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ह़ज़रते सय्यिदुना अनस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से इरशाद फ़रमाया : बड़ों की इ़ज़्ज़त करो, छोटों पर रह़म करो, मैं