Ramazan Ki Baharain

Book Name:Ramazan Ki Baharain

येह पढ़ कर उन के दिल की कैफ़िय्यत बदल गई । प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की अ़ज़ीम क़ुरबानियों के मुतअ़ल्लिक़ पता चला, तो बे साख़्ता उन की आंखों से आंसू जारी हो गए, उन्हों ने हिम्मत कर के दर्से फै़ज़ाने सुन्नत देने का इरादा कर लिया और जल्द ही अपने घर में दर्स देना शुरूअ़ कर दिया जिस में मह़ल्ले की इस्लामी बहनें शिर्कत करतीं । दर्से फै़ज़ाने सुन्नत की बरकत से इस्लामी बहनें अ़मल की त़रफ़ राग़िब होने लगीं । करम बालाए करम येह कि दीगर इस्लामी बहनों ने भी दर्स देना शुरूअ़ कर दिया, यूं जल्द ही उन के अ़लाके़ में तीन जगह दर्से फै़ज़ाने सुन्नत शुरूअ़ हो गया । तादमे बयान वोह इस्लामी बहन आलमी मजलिसे मुशावरत में रुकन होने की ह़ैसिय्यत से सुन्नतें आम करने में मसरूफ़ हैं ।

मुझ को मिली है इ़ज़्ज़त, अ़त्त़ार की बदौलत

चमकी है मेरी क़िस्मत, अ़त्त़ार की बदौलत

अगर आप को भी दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल के ज़रीए़ कोई मदनी बहार या बरकत मिली हो, तो आख़िर में मदनी बहार मक्तब पर जम्अ़ करवा दें ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                 صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ इ़बादत पर कमर बस्ता हो जाते

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बिल ख़ुसूस माहे रमज़ान में हमें अल्लाह पाक की ख़ूब ख़ूब इ़बादत करनी चाहिये और हर वोह काम करना चाहिये कि जिस में अल्लाह पाक और उस के मह़बूब صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की रिज़ा हो । अगर इस पाकीज़ा महीने में भी कोई अपनी बख़्शिश न करवा सका, तो फिर कब करवाएगा ? हमारे प्यारे प्यारे और मीठे मीठे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ