Ramazan Ki Baharain

Book Name:Ramazan Ki Baharain

अपनी बालिग़ा बहनों, बेटियों को भी जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) में दाख़िल करवाइये और अपने लिये सवाबे जारिया का सामान कीजिये ।

अल्लाह करम ऐसा करे तुझ पे जहां में

ऐ दा'वते इस्लामी ! तेरी धूम मची हो

(वसाइले बख़्शिश मुरम्मम, स. 315)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                 صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! जब आ'माल की जज़ा मिलने की बारी आएगी, तो रोज़ादारों को बे ह़िसाब अज्र दिया जाएगा । चुनान्चे,

बे ह़िसाब अज्र

        ह़ज़रते सय्यिदुना का'बुल अह़बार رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से मरवी है, फ़रमाते हैं : बरोज़े क़ियामत एक मुनादी इस त़रह़ निदा करेगा "हर बोने वाले (या'नी अ़मल करने वाले) को उस की खेती (या'नी अ़मल) के बराबर अज्र दिया जाएगा, सिवा क़ुरआन वालों (या'नी आलिमे क़ुरआन) और रोज़ादारों के कि इन्हें बे ह़िसाब अज्र दिया जाएगा ।" (شُعُب الایمان ج۳ص۴۱۳حدیث۳۹۲۸)

          मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! मा'लूम हुवा कि दुन्या में हम जैसा बोएंगी, वैसा ही काटेंगी । उ़लमाए किराम और रोज़ादार बहुत ही नसीब दार हैं कि बरोज़े क़ियामत उन को बे ह़िसाब सवाब से नवाज़ा जाएगा । याद रहे ! जब रोज़ादार जन्नत में दाख़िल होने लगेंगे, तो उस वक़्त भी उन्हें ख़ुसूसी ए'ज़ाज़ से नवाज़ा जाएगा । जैसा कि :

जन्नती दरवाज़ा

        ह़ज़रते सय्यिदुना सहल बिन अ़ब्दुल्लाह رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि माहे नुबुव्वत, महरे रिसालत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने अ़ज़मत निशान है : बेशक जन्नत में एक दरवाज़ा है जिस को रय्यान कहा जाता है, इस से