Ramazan Ki Baharain

Book Name:Ramazan Ki Baharain

फ़रमाने पुर असर है : क़ियामत वाले दिन रोज़ादारों के लिये एक सोने का दस्तरख़ान रखा जाएगा, ह़ालांकि लोग (ह़िसाब किताब के) मुन्तज़िर होंगे ।

(کَنْزُ الْعُمّال ج۸ص۲۱۴حدیث۲۳۶۴۰)

जन्नती फल

        अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते मौलाए काइनात, अ़लिय्युल मुर्तज़ा, शेरे ख़ुदा کَرَّمَ اللّٰہُ تَعَالٰی وَجْھَہُ الْکَرِیْم से रिवायत है, इमामुस्साबिरीन, सुल्त़ानुल मुतवक्किलीन صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने दिल नशीन है : जिस को रोज़े ने खाने या पीने से रोक दिया कि जिस की उसे ख़्वाहिश थी, तो अल्लाह तआला उसे जन्नती फलों में से खिलाएगा और जन्नती शराब से सैराब करेगा ।

(شُعَبُ الْایمان ج۳ ص۴۱۰حدیث۳۹۱۷)

जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात)

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी ने जहां इस्लामी भाइयों को मां-बाप की फ़रमां बरदारी का ज़ेहन देने के लिये मुख़्तलिफ़ शो'बाजात क़ाइम किये हैं, वहीं इस्लामी बहनों को भी अपने वालिदैन की आंखों का तारा बनाने के लिये दा'वते इस्लामी ने कई शो'बाजात क़ाइम फ़रमाए हैं, इन्ही में से एक "मजलिसे जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात)" भी है ।

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ ! मजलिसे जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) के तह़त मुल्क व बैरूने मुल्क में तक़रीबन 265 जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) क़ाइम हैं, जिन में 16217 त़ालिबात दर्से निज़ामी (या'नी आलिमा कोर्स) की मुफ़्त ता'लीम ह़ासिल कर रही हैं, कमो बेश 3600 इस्लामी बहनें दर्से निज़ामी (या'नी आलिमा कोर्स) जब कि तक़रीबन 4014 इस्लामी बहनें "फ़ैज़ाने शरीअ़त कोर्स" करने की सआदत ह़ासिल कर चुकी हैं । लिहाज़ा हिम्मत कीजिये, आप भी और