Ramazan Ki Baharain

Book Name:Ramazan Ki Baharain

त़रह़ त़रह़ की हज़ारों सुन्नतें सीखने के लिये मक्तबतुल मदीना की मत़बूआ दो कुतुब (1) 312 सफ़ह़ात पर मुश्तमिल किताब बहारे शरीअ़त, ह़िस्सा 16 और (2) 120 सफ़ह़ात की किताब "सुन्नतें और आदाब" इस के इ़लावा शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत के दो रसाइल "101 मदनी फूल" और "163 मदनी फूल" हदिय्यतन त़लब कीजिये और पढि़ये ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                 صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

'लानात

        दा'वते इस्लामी के इशाअ़ती इदारे मक्तबतुल मदीना की मत़बूआ किताब "जन्नत में ले जाने वाले आ'माल" के सफ़ह़ा नम्बर 388 पर रिवायत नक़्ल की गई है कि ह़ज़रते सय्यिदुना अबू ज़र رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि ताजदारे रिसालत, शहनशाहे नुबुव्वत, मख़्ज़ने जूदो सख़ावत, पैकरे अ़ज़मतो शराफ़त, मह़बूबे रब्बुल इ़ज़्ज़त, मोह़सिने इन्सानिय्यत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : ऐ अबू ज़र ! सुब्ह़ के वक़्त किताबुल्लाह की एक आयत सीखने के लिये चलना तुम्हारे लिये सौ रक्अ़तें पढ़ने से बेहतर है और तुम्हारा सुब्ह़ के वक़्त इ़ल्म का एक बाब सीखने के लिये जाना तुम्हारे लिये हज़ार रक्अ़तें पढ़ने से बेहतर है । (ابن ماجہ، کتاب السنۃ ،باب فضل من تعلم القرآن وعلمہ، رقم ۲۱۹ ،ج۱ ، ص ۱۴۲)

        اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ ! इस फ़ज़ीलत को पाने के लिये यकुम रमज़ानुल मुबारक से 20 दिन का मुख़्तसर कोर्स "फै़ज़ाने तिलावते क़ुरआन" अ़लाक़ा सत़ह़ पर शुरूअ़ हो रहा है, जिस में इस्लामी बहनों को तिलावते क़ुरआन सुनने की सआदत के साथ साथ तर्जमा व तफ़्सीर (दिलचस्प क़ुरआनी वाक़िआत) सुनने की सआदत नसीब होगी । तमाम इस्लामी बहनों से मदनी इल्तिजा है कि इस कोर्स में न सिर्फ़ ख़ुद शिर्कत फ़रमाएं बल्कि दीगर इस्लामी बहनों पर