Ramazan Ki Baharain

Book Name:Ramazan Ki Baharain

ग़नीमत जानिये और माहे रमज़ान की मुक़द्दस घड़ियों को फ़ुज़ूलिय्यात व ख़ुराफ़ात में बरबाद करने के बजाए तिलावते क़ुरआन, ज़िक्रो दुरूद और दीगर नेक कामों में गुज़ारने की कोशिश कीजिये ।

किताब "फै़ज़ाने रमज़ान" का तआरुफ़

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! रमज़ानुल मुबारक के मुक़द्दस लम्ह़ात को फ़ुज़ूलिय्यात व ख़ुराफ़ात में बरबाद होने से बचाइये, ज़िन्दगी बेह़द मुख़्तसर है, इस को ग़नीमत जानिये, फ़िल्मी गानों और त़रह़ त़रह़ के गुनाहों में वक़्त बरबाद करने के बजाए तिलावते क़ुरआन और ज़िक्रो दुरूद में वक़्त गुज़ारने की कोशिश फ़रमाइये और इस महीने की मुनासबत से शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की मायानाज़ तसनीफ़ "फै़ज़ाने रमज़ान" का मुत़ालआ भी बहुत मुफ़ीद है कि इस किताब में रमज़ानुल मुबारक के तक़रीबन तमाम अहम मसाइल मसलन नमाज़, रोज़ा, तरावीह़ से मुतअ़ल्लिक़ कसीर मा'लूमात के साथ साथ बे शुमार मदनी फूल भी अपनी ख़ुश्बूएं लुटा रहे हैं । आप भी इस किताब का मुत़ालआ करने की निय्यत फ़रमा लीजिये । उर्दू के इ़लावा भी दुन्या की मुख़्तलिफ़ ज़बानों में इस किताब का तर्जमा हो चुका है । दा'वते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से इस किताब को पढ़ा भी जा सकता है, डाउन लोड (Download) और प्रिन्ट आउट (Print Out) भी किया जा सकता है । आप भी येह किताब पढ़ने नीज़ इस से दर्स देने, सुनने की निय्यत फ़रमा लीजिये ।

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बयान को इख़्तिताम की त़रफ़ लाते हुवे सुन्नत की फ़ज़ीलत और चन्द सुन्नतें और आदाब बयान करने की सआदत ह़ासिल करती हूं । ताजदारे रिसालत, शहनशाहे नुबुव्वत, मुस्त़फ़ा जाने रह़मत, शमए़ बज़्मे हिदायत, नौशए बज़्मे जन्नत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने