Book Name:Jhoot Ki Badboo
सच का दामन थामने की निय्यत से 3 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सुनते हैं :
1. इरशाद फ़रमाया : बेशक सच बोलना नेकी है और नेकी जन्नत में ले जाती है और झूट बोलना गुनाह है और गुनाह दोज़ख़ में ले जाता है ।
(مسلم،کتاب الادب،باب قبح الکذب ،حدیث:۶۶۳۸،ص:۱۰۷۷،ملتقطاً)
2. इरशाद फ़रमाया : बेशक झूट गुनाह की त़रफ़ ले जाता है और गुनाह दोज़ख़ की त़रफ़ ले जाता है और बेशक बन्दा झूट बोलता रहता है, यहां तक कि अल्लाह पाक के नज़दीक बहुत बड़ा झूटा हो जाता है ।
(بخاری ، کتاب الادب،باب قول اللہ تعالٰی(یاایُّہا الذین آمنوا)…الخ،۴/۱۲۵،رقم: ۶۰۹۴)
3. बारगाहे रिसालत में एक शख़्स ने ह़ाज़िर हो कर अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! दोज़ख़ में ले जाने वाला अ़मल कौन सा है ? फ़रमाया : झूट बोलना । जब बन्दा झूट बोलता है, तो गुनाह करता है और जब गुनाह करता है, तो ना शुक्री करता है और जब ना शुक्री करता है, तो दोज़ख़ में दाख़िल हो जाता है । (مسندامام احمد ،مسند عبداللہ ابن عمرو بن العاص،۲/ ۵۸۹، رقم:۶۶۵۲)
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! आप ने सुना कि सच कैसी बेहतरीन आ़दत है जो इन्सान को जन्नत तक पहुंचा देती है जब कि झूट बोलना ऐसी बुरी ख़ामी सिफ़त है जो दोज़ख़ की गहराइयों में पहुंचा देती है । झूट बोलने वाला अल्लाह पाक के नज़दीक बहुत बड़ा झूटा लिख दिया जाता है और येह बुरी आ़दत इन्सान को गुनाहगार बना देती है ।
ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : झूटा आदमी आगे चल कर पक्का फ़ासिक़ो फ़ाजिर (या'नी गुनाहगार) बन जाता है, झूट हज़ारहा (या'नी हज़ारों) गुनाहों तक पहुंचा देता है, तजरिबा भी इसी पर शाहिद (या'नी गवाह) है । सब से पहला झूट शैत़ान ने बोला कि ह़ज़रते आदम عَلَیْہِ السَّلَام से कहा : मैं तुम्हारा ख़ैर ख़्वाह (या'नी भलाई चाहने वाला) हूं । मज़ीद फ़रमाते हैं : (झूटा) शख़्स हर क़िस्म के गुनाहों में फंस जाता है और