Book Name:Jawani Me Ibadat kay Fazail
अवक़ातुस्सलात सॉफ़्टविऐर के ज़रीए़ मुख़्तलिफ़ मुमालिक और शहरों में सह़रो इफ़्त़ार और नमाज़ के अवक़ात भी मा'लूम कर सकते हैं ।
अल्लाह पाक हमें दौरे जदीद की इन ईजादात का सह़ीह़ इस्ति'माल करने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए और इन के ग़लत़ इस्ति'माल के ज़रीए़ गुनाहों से बचने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! नेकियों में दिल लगाने की कोशिश कीजिये और किसी गुनाह को छोटा समझ कर हरगिज़ न कीजिये क्यूंकि एक गुनाह कई बुराइयों का मजमूआ़ होता है, या'नी मज़ीद दस बुराइयां अपने साथ लाता है । जैसा कि :
अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर बिन ख़त़्त़ाब رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने फ़रमाया : गुनाह अगर्चे एक ही हो, अपने साथ दस बुरी ख़स्लतें ले कर आता है । (1) जब बन्दा गुनाह करता है, तो अल्लाह करीम को ग़ज़ब दिलाता है, ह़ालांकि वोह (रब्बे करीम) उस बन्दे पर (ग़ज़ब फ़रमाने की) क़ुदरत रखता है । (2) वोह (या'नी गुनाह करने वाला) इब्लीसे लई़न (या'नी शैत़ाने मल्ऊ़न) को ख़ुश करता है । (3) जन्नत से दूर हो जाता है । (4) जहन्नम के क़रीब आ जाता है । (5) वोह अपनी सब से प्यारी चीज़ या'नी अपनी जान को तक्लीफ़ देता है । (6) वोह अपने दिल को नापाक कर बैठता है, ह़ालांकि वोह पाक होता है । (7) वोह आ'माल लिखने वाले फ़िरिश्तों को तक्लीफ़ देता है । (8) वोह नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को उन के रौज़ए मुबारका में नाराज़ करता है । (9) ज़मीन व आसमान और तमाम मख़्लूक़ को (अपनी) ना फ़रमानी पर गवाह बना लेता है (10) वोह तमाम इन्सानों से ख़ियानत और रब्बे करीम की ना फ़रमानी करता है । (بحر الدموع،الفصل الثانی:عواقب المعصیۃ، ص۳۰-۳۱)