Book Name:Madani Inamaat,Rahe Nijaat
ए'लान) करता है कि ख़ुश हो जा ! कि तेरा येह चलना मुबारक है और तू ने जन्नत में अपना ठिकाना बना लिया है ।
(ابن ماجہ ،کتاب الجنائز ،باب ماجاء فی ثواب من عا د مریضا، ۲/۱۹۲،حدیث: ۱۴۴۳)
हमें भी चाहिये कि हर हफ़्ते इस मदनी इनआम पर अ़मल करते हुवे कम अज़ कम एक मरीज़ की इ़यादत तो ज़रूर करें और इस के इ़लावा दीगर मदनी इनआमात पर अ़मल करते हुवे इस्तिक़ामत से फ़िक्रे मदीना को अपना मा'मूल बना लें, اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ وَجَلَّ इस की कसीर बरकतें ह़ासिल होंगी । आइये ! तरग़ीब के लिये एक मदनी बहार सुनते हैं ।
रोज़ाना फ़िक्रे मदीना करने का इनआम
एक इस्लामी भाई को मदनी इनआमात से प्यार था और उन का रोज़ाना फ़िक्रे मदीना करने का मा'मूल था । एक बार वोह आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के सुन्नतों की तरबिय्यत के मदनी क़ाफ़िले में आशिक़ाने रसूल के साथ मुल्के मुर्शिद के एक शहर के सफ़र पर थे कि इसी दौरान उन पर बाबे करम खुल गया । हुवा यूं कि रात को जब वोह सोए, तो क़िस्मत अंगड़ाई ले कर जाग उठी, जनाबे रिसालत मआब صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ख़्वाब में तशरीफ़ ले आए, अभी वोह जल्वों में गुम थे कि लब्हाए मुबारका को जुम्बिश हुई और रह़मत के फूल झड़ने लगे, अल्फ़ाज़ कुछ यूं तरतीब पाए : "जो मदनी क़ाफ़िले में रोज़ाना फ़िक्रे मदीना करते हैं, मैं उन्हें अपने साथ जन्नत में ले जाऊंगा ।"
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आइये ! चन्द मज़ीद मदनी इनआमात के मुख़्तसरन फ़ज़ाइल सुनते हैं ताकि हमारे दिल में नफ़्स व आ'माल का मुह़ासबा करने की मज़ीद रग़बत पैदा हो सके । चुनान्चे,
٭इन मदनी इनआमात में से एक मदनी इनआम तमाम गुनाहों से तौबा करने वाला भी है । तौबा करने वालों के बारे में रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने