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Book Name:Madani Inamaat,Rahe Nijaat

मदनी इनआमात की बरकात

मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि इन मदनी इनआमात पर अ़मल अस्ल में क़ुरआनो ह़दीस के बा'ज़ अह़कामात पर अ़मल करना है और इन पर अ़मल की इतनी बरकतें हैं जिन का अन्दाज़ा नहीं लगाया जा सकता । اَلْحَمْدُ الِلّٰہ ! दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल में इस्तिक़ामत भी मदनी इनआमात के ज़रीए़ नसीब होती है, ग़रज़ येह कि मदनी इनआमात आख़िरत के मसाइब से नजात और ढेरों भलाइयों के ह़ुसूल का ज़रीआ हैं । आइये ! हम सब निय्यत करें कि اِنْ شَآءَ اللّٰہ आज से ही रोज़ाना फ़िक्रे मदीना या'नी मदनी इनआमात का रिसाला पुर करने को अपना मा'मूल बनाएंगे, اِنْ شَآءَ اللّٰہ । दा'वते इस्लामी की मजलिसे आई-टी ने मदनी इनआमात की Application भी तय्यार की है जिसे आप अपने मोबाइल फ़ोन्ज़ में Install कर के इस के ज़रीए़ भी फ़िक्रे मदीना कर सकते हैं ।

मजलिसे ताजिरान

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ الِلّٰہ दा'वते इस्लामी कमो बेश 104 शो'बाजात में दीन की ख़िदमत कर रही है, इन शो'बाजात में से एक "मजलिसे ताजिरान" भी है । तिजारत एक ऐसा शो'बा है जो हर मुल्क में रीढ़ की हड्डी की ह़ैसिय्यत रखता है बल्कि कई मुल्कों की मई़शत का इन्ह़िसार व मदार ही तिजारत पर है मगर बद क़िस्मती से इ़ल्मे दीन से दूरी की वज्ह से आज मुसलमानों की एक ता'दाद तिजारत के इस्लामी सुनेहरी उसूलों पर अ़मल करने से बहुत दूर है । चुनान्चे, आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के तह़त "मजलिसे ताजिरान" का क़ियाम अ़मल में आया, जिस का काम शो'बए तिजारत से मुन्सलिक लोगों को तिजारत के मुतअ़ल्लिक़ इस्लामी ता'लीमात से रूशनास कराना, उन में दा'वते इस्लामी के मदनी पैग़ाम को आम करना और उन्हें दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता करते हुवे मदनी मक़्सद के ह़ुसूल और बाज़ारों में मदनी माह़ोल बनाने के लिये मस्जिद या किसी भी



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