Book Name:Madani Inamaat,Rahe Nijaat
इरशाद फ़रमाया : सारे इन्सान ख़त़ाकार हैं और ख़त़ाकारों में से बेहतर वोह हैं, जो तौबा कर लेते हैं । (ابن ماجہ، کتاب الزھد، باب ذکر التو بہ، ۴/۴۹۱، حدیث:۴۲۵۱)
٭इसी त़रह़ तहज्जुद अदा करने वाले मदनी इनआम की अहम्मिय्यत का अन्दाज़ा इस बात से लगाइये कि रसूले अकरम, नूरे मुजस्सम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : फ़र्ज़ नमाज़ के बा'द सब से अफ़्ज़ल नमाज़ रात में पढ़ी जाने वाली नमाज़ है । (مسلم، کتاب الصیام،ص۵۹۱،حدیث:۱۱۶۳)
٭एक मदनी इनआम मग़रिब के बा'द अदा किये जाने वाले अव्वाबीन के नवाफ़िल के बारे में भी है । इन की फ़ज़ीलत में आता है कि जो शख़्स मग़रिब के बा'द छे रक्अ़तें इस त़रह़ अदा करे कि उन के दरमियान कोई बुरी बात न कहे, तो येह छे रक्अ़तें बारह साल की इ़बादत के बराबर होंगी । (ابن ماجہ ،کتاب اقامۃ الصلوۃ…الخ،باب ما جاءفی الست رکعات …الخ،۲/۴۵،حدیث:۱۱۶۷)
٭चाश्त के नवाफ़िल अदा करने वाला मदनी इनआम भी ज़बरदस्त फ़ज़ीलत ह़ासिल करने का ज़रीआ है । जनाबे सादिक़ो अमीन صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया, अल्लाह पाक फ़रमाता है : ऐ इबने आदम ! तू शुरूअ़ दिन में चार रक्अ़तें अदा करने से आजिज़ न हो, मैं आख़िर दिन तक तेरी किफ़ायत करूंगा । (السنن الکبری ،۱/ ۱۷۷،حدیث: ۴۶۸)
٭झूट से बचने वाले मदनी इनआम पर अ़मल करना भी जन्नती घर के ह़ुसूल का ज़रीआ है । नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : जो ह़क़ पर होते हुवे झगड़ा ख़त्म करे, मैं उस के लिये जन्नत के किनारे एक घर की ज़मानत देता हूं और झूट तर्क करने वाले को जन्नत के वस्त़ में एक घर की ज़मानत देता हूं, अगर्चे वोह मिज़ाह़ (या'नी ख़ुश त़बई़) के त़ौर पर झूट बोलता हो और अच्छे अख़्लाक़ वाले को जन्नत के आ'ला दरजे में एक घर की ज़मानत देता हूं । (ابو داؤد ،کتاب الادب، باب فی حسن الخلق ، ۴/ ۳۳۲، حدیث: ۴۸۰۰)