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Book Name:Madani Inamaat,Rahe Nijaat

मुनासिब मक़ाम पर दर्से फै़ज़ाने सुन्नत वग़ैरा देने का एहतिमाम करना है, जिसे "चौक दर्स" कहा जाता है । चौक दर्स के इ़लावा वक़्तन फ़-वक़्तन मुख़्तलिफ़ अवक़ात में "तिजारत कोर्सिज़" करवाने का भी एहतिमाम किया जाता है । मदनी चेनल पर बा क़ाइ़दा बयानात बनाम सिलसिला "अह़कामे तिजारत" की तरकीब है । अल ग़रज़ ! तिजारत को सह़ीह़ मा'ना में इस्लामी ख़ुत़ूत़ पर उस्तुवार (या'नी मुस्तह़कम व मज़बूत़) करने के लिये दा'वते इस्लामी की येह मजलिस कोशिश में मगन है ।

अल्लाह करम ऐसा करे तुझ पे जहां में

ऐ दा'वते इस्लामी ! तेरी धूम मची हो

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                             صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बयान को इख़्तिताम की त़रफ़ लाते हुवे सुन्नत की फ़ज़ीलत और चन्द सुन्नतें और आदाब बयान करने की सआदत ह़ासिल करता हूं । शहनशाहे नुबुव्वत, मुस्त़फ़ा जाने रह़मत, शम्ए़ बज़्मे हिदायत, नौशए बज़्मे जन्नत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने जन्नत निशान है : जिस ने मेरी सुन्नत से मह़ब्बत की, उस ने मुझ से मह़ब्बत की और जिस ने मुझ से मह़ब्बत की, वोह जन्नत में मेरे साथ होगा ।

 (مشکاۃ الصابیح،کتاب الایمان،باب الاعتصام بالکتاب والسنۃ،الفصل الثانی،۱/۵۵،حدیث:۱۷۵)

सीना तेरी सुन्नत का मदीना बने आक़ा

जन्नत में पड़ोसी मुझे तुम अपना बनाना

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                             صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

सुरमा लगाने की सुन्नतें और आदाब

        आइये ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "101 मदनी फूल" सफ़ह़ा नम्बर 27 से सुरमा लगाने की सुन्नतें और आदाब सीखते हैं ।

          फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : तमाम सुरमों में बेहतर सुरमा "इस्मिद" है कि येह निगाह को रौशन करता और पल्कें उगाता है ।

 



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