Book Name:Bahan Bhaiyon Ke Sath Husne Sulook
फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : اَلْحَسَدُ یَاْکُلُ الْحَسَنَاتِ کَمَا تَاْکُلُ النَّارُ الْحَطَبَ ह़सद नेकियों को खा जाता है जैसे आग ख़ुश्क लक्ड़ियों को खा जाती है । (سنن ابن ماجہ: کتاب الزھدباب الحسد ج۴ /۴۷۲ الحدیث:۴۲۱۰)
एक और ह़दीसे पाक में नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने उख़ुव्वत व भाईचारे को क़ाइम रखने का त़रीक़ा बताते हुवे इरशाद फ़रमाया : आपस में ह़सद न करो, आपस में बुग़्ज़ो अ़दावत न रखो, पीठ पीछे एक दूसरे की बुराई बयान न करो और ऐ अल्लाह के बन्दो ! भाई भाई बन कर रहो । (بخاری،کتاب الادب،باب یا ایہاالذین امنواجتنبوا۔۔الخ ۴ / ۱۱۷،الحدیث:۶۰۶۶)
मश्हूर मुफ़स्सिरे क़ुरआन, ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : बद गुमानी, ह़सद, बुग़्ज़ वग़ैरा वोह चीज़ें हैं जिन से मह़ब्बत टूटती है और इस्लामी भाईचारा मह़ब्बत चाहता है, लिहाज़ा येह उ़यूब छोड़ो ताकि भाई भाई बन जाओ । (मिरआतुल मनाजीह़, 6 / 608)
मा'लूम हुवा कि ह़सद इस क़दर बुरा फे़'ल है कि इस के सबब न सिर्फ़ हमारे नेक आ'माल ज़ाएअ़ होते हैं बल्कि मुसलमानों की आपस में मह़ब्बत व उख़ुव्वत ख़त्म हो कर दिलों में बुग़्ज़ो अ़दावत पैदा हो जाती है । लिहाज़ा आज ही ह़सद के गुनाह से तौबा कीजिये और अपने बहन भाइयों की ख़ुशियां देख कर उन से जलने के बजाए उन की ने'मतों में इज़ाफे़ के लिये अल्लाह पाक से दुआ भी कीजिये ।
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बहन भाइयों में इत्तिफ़ाक़, इत्तिह़ाद क़ाइम रखने के लिये वालिदैन का किरदार भी अहम्मिय्यत का ह़ामिल है । वालिदैन को चाहिये कि अपने बच्चों के साथ एक जैसा सुलूक करें, उन्हें कोई चीज़ देने या शफ़्क़त व मह़ब्बत से पेश आने में बराबरी का उसूल अपनाएं, बिला वज्हे शरई़ किसी बच्चे को नज़र अन्दाज़ कर के दूसरे को उस पर तरजीह़ न दें कि इस से बच्चों के नाज़ुक दिलों पर बचपन ही से बुग़्ज़ व ह़सद की तेह जम सकती है जो उन की शख़्सी ता'मीर के लिये निहायत नुक़्सान देह है । वालिदैन का किसी