Esal-e-Sawab Ki Barakaten

Book Name:Esal-e-Sawab Ki Barakaten

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने "इ़ल्म बे शुमार ख़ज़ानों का मजमूआ़ है, जिन के ह़ुसूल का ज़रीआ़ सुवाल है" के क़ौल को अ़मली जामा पहनाते हुवे सुवाल व जवाब का एक सिलसिला शुरूअ़ फ़रमाया है, जिसे दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल में "मदनी मुज़ाकरा" कहा जाता है । आ़शिक़ाने रसूल मदनी मुज़ाकरों में अ़क़ाइदो आ'माल, फ़ज़ाइलो मनाक़िब, शरीअ़तो त़रीक़त, तारीख़ व सीरत, साइन्स व त़िब, अख़्लाक़िय्यात व इस्लामी मा'लूमात, मआ़शी व मुआ़शरती व तन्ज़ीमी मुआ़मलात और दीगर बहुत से मौज़ूआ़त (Topics) के बारे में मुख़्तलिफ़ सुवालात करते हैं और शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ उन्हें ह़िक्मत से भरपूर और इ़श्के़ रसूल में डूबे हुवे जवाबात से नवाज़ते हैं ।

            اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मजलिसे मदनी मुज़ाकरा के तह़्त शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के इन अ़त़ा कर्दा दिलचस्प और इ़ल्मो ह़िक्मत से भरपूर मदनी फूलों की ख़ुश्बू से दुन्या भर के मुसलमानों को महकाने के लिये इन मदनी मुज़ाकरों को तह़रीरी रिसालों और मेमोरी कार्डज़ (Memory Cards) की सूरत में पेश करने की कोशिशें जारी हैं । अल्लाह करीम मजलिसे मदनी मुज़ाकरा को मज़ीद बरकतें अ़त़ा फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!        صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          सवाब पहुंचाने के तअ़ल्लुक़ से शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "क़ब्र वालों की 25 ह़िकायात" के सफ़ह़ा 11 से एक बहुत प्यारी ह़िकायत सुनिये । चुनान्चे,

          ह़ज़रते अ़ल्लामा अ़ली क़ारी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ नक़्ल फ़रमाते हैं : ह़ज़रते शैख़े अक्बर, मुह़्युद्दीन इबने अ़रबी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ एक जगह दा'वत में तशरीफ़ ले गए । आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ ने देखा कि एक नौजवान खाना खा रहा है, जिस के बारे में येह मश्हूर था कि अल्लाह पाक की अ़त़ा से उसे छुपे हुवे मुआ़मलात और क़ब्र के ह़ालात की ख़बर हो जाती है, जन्नत और दोज़ख़ का ह़ाल भी उसे मा'लूम हो