Book Name:Esal-e-Sawab Ki Barakaten
मदनी कामों की धूमें मचा दीजिये । ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "हफ़्तावार मदनी मुज़ाकरा" भी है ।
٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मदनी मुज़ाकरे देखते, सुनते रहने की बरकत से शरई़ मुआ़मलात में एह़तियात़ करने का ज़ेहन नसीब होता है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत मुयस्सर आती है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से अ़मल का जज़्बा बढ़ता है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से गुनाहों से नफ़रत पैदा होती है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल में इस्तिक़ामत नसीब होती है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी कामों के बारे में मा'लूमात मिलती हैं । ٭ मदनी मुज़ाकरा इ़ल्मे दीन की तरक़्क़ी का बाइ़स है । ٭ मदनी मुज़ाकरा अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की ज़िन्दगी के सैंक्ड़ों बल्कि हज़ारों तजरिबात से मदनी तरबिय्यत ह़ासिल करने का बेहतरीन ज़रीआ़ है । ٭ मदनी मुज़ाकरे में दीनी मा'लूमात मिलने के साथ साथ अख़्लाक़ी तरबिय्यत भी होती है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ से किये गए मुख़्तलिफ़ सुवालात के दिलचस्प जवाबात की सूरत में इ़ल्मे दीन ह़ासिल होता है और इ़ल्मे दीन की फ़ज़ीलत के भी क्या कहने ! कि :
ह़ज़रते सय्यिदुना अबू ज़र ग़िफ़ारी رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं, ह़ुज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने मुझ से इरशाद फ़रमाया : ऐ अबू ज़र ! तुम्हारा इस ह़ाल में सुब्ह़ करना कि तुम ने अल्लाह करीम की किताब से एक आयत सीखी हो, येह तुम्हारे लिये सौ रक्अ़तें नफ़्ल पढ़ने से बेहतर है और तुम्हारा इस ह़ाल में सुब्ह़ करना कि तुम ने इ़ल्म का एक बाब सीखा हो जिस पर अ़मल किया गया हो या न किया गया हो, तो येह तुम्हारे लिये हज़ार रक्अ़त नवाफ़िल पढ़ने से बेहतर है । (ابن ماجہ، کتاب السنة، ۱/۱۴۲،حدیث:۲۱۹)