Book Name:Allah Pak Say Muhabbat Karnay Walon Kay Waq'eaat
से निकाल दे क्यूंकि मेरी और दुन्या की मह़ब्बत एक दिल में जम्अ़ नहीं हो सकतीं । ऐ दावूद ! जो मुझ से मह़ब्बत करता है, वोह रात को मेरे लिये तहज्जुद अदा करता है जब कि लोग सो रहे होते हैं, वोह तन्हाई में मुझे याद करता है, जब ग़ाफ़िल लोग मेरे ज़िक्र से ग़फ़्लत में पड़े होते हैं, वोह मेरी ने'मत पर शुक्र अदा करता है जब कि भूलने वाले मुझे भूल जाते हैं ।
(حلیۃالاولیاء ،عبدالعزیزبن ابی رواد،رقم ۱۱۹۰۶، ج ۸،ص ۲۱۱ ۔الیٰ قولہ الاھلک, बह़रुद्दुमूअ़, स. 21)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आइये ! अब अल्लाह पाक से मह़ब्बत करने वाले नेक बन्दों के कुछ मज़ीद वाक़िआ़त मेंढे की खाल
अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर फ़ारूके़ आ'ज़म رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं : नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ह़ज़रते मुस्अ़ब बिन उ़मैर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को इस ह़ाल में आते देखा कि उन्हों ने मेंढे की खाल कमर पर लपेट रखी थी । तो इरशाद फ़रमाया : इस शख़्स की त़रफ़ देखो जिस के दिल को अल्लाह पाक ने रौशन कर दिया है । बेशक मैं ने इस को इस के वालिदैन के पास देखा कि वोह इसे बेहतरीन खाना खिलाते और उ़म्दा तरीन शरबत पिलाते थे, अल्लाह पाक और नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की मह़ब्बत में इस का येह ह़ाल हो गया है जो तुम देख रहे हो । (حلیة الاولیاء، مصعب بن عمیر، ۱/ ۱۵۳، حدیث:۳۴۳)
मह़ब्बत करने वाला, मह़बूब के साथ होगा
एक आ'राबी ने बारगाहे रिसालत में ह़ाज़िर हो कर अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! क़ियामत कब आएगी ? मदनी आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : तुम ने उस के लिये क्या तय्यारी की है ? अ़र्ज़ की : मैं ने उस के लिये बहुत ज़ियादा (नफ़्ली) नमाज़ें और (नफ़्ली) रोज़े तो जम्अ़ नहीं किये, अलबत्ता मैं अल्लाह पाक से और नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से मह़ब्बत करता हूं । प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने उस से इरशाद फ़रमाया : اَلْمَرْءُ مَعَ مَنْ اَحَبَّ आदमी उसी के साथ होगा जिस से वोह मह़ब्बत करेगा । (ترمذی،