Allah Pak Say Muhabbat Karnay Walon Kay Waq'eaat

Book Name:Allah Pak Say Muhabbat Karnay Walon Kay Waq'eaat

ठन्डे पानी से ज़ियादा मह़बूब बना दे । (مشکاۃ المصابیح کتاب الدعوات باب جامع الدعا،۱/ ۴۶۵ حدیث:۲۴۹۶)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आप ने सुना कि अल्लाह पाक के प्यारे नबी, ह़ज़रते सय्यिदुना दावूद عَلَیْہِ السَّلَام अल्लाह पाक से उस की मह़ब्बत की दुआ़ मांगा करते, लिहाज़ा हमें भी चाहिये कि हम भी अपने रब्बे करीम से उस की मह़ब्बत की दुआ़एं मांगा करें । यक़ीन कीजिये ! मह़ब्बते इलाही वोह अ़ज़ीम ने'मत है, जिसे येह नसीब हो जाए, उसे इ़बादत की लज़्ज़त और ईमान की चाशनी नसीब हो जाए ।

ईमान की मिठास

          ह़ज़रते सय्यिदुना अनस बिन मालिक رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है, रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने आ़लीशान है : ثَلاَثٌ مَنْ کُنَّ فِیْہِ وَجَدَ بِہِنَّ حَلَاوَۃَ اْلاِیْمَانِ जिस शख़्स के अन्दर तीन आ़दतें होंगी, वोह उन के ज़रीए़ ईमान की मिठास पा लेगा । (1) اَنْ یَّکُوْنَ اللّٰہُ وَرَسُوْلُہُ اَحَبَّ اِلَیْہِ مِمَّا سِوَاہُمَا अल्लाह पाक और उस का रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ उसे सब से ज़ियादा मह़बूब हों । (2) وَاَنْ یُّحِبَّ الْمَرْءَ لَا یُحِبُّہٗ اِلَّا لِلّٰہِ किसी से मह़ब्बत करे, तो रिज़ाए इलाही के लिये करे । (3) وَاَنْ یَّکْرَہَ اَنْ یَّعُوْدَ فِی الْکُفْرِ کَمَا یَکْرَہُ اَنْ یُوْقَدَ لَہٗ نَارٌ فَیُقْذَفَ فِیْہَا कुफ़्र को इतना ही ना पसन्द करे जितना भड़क्ती आग में डाल दिये जाने को ना पसन्द करता है । (شعب الایمان ،باب فی محبۃ اللہ  ، ۱/۳۶۴،حدیث: ۴۰۵)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आप ने सुना कि एक मुसलमान के दिल में अल्लाह पाक और उस के प्यारे रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की मह़ब्बत काइनात की हर चीज़ से बढ़ कर होना और किसी से मह़ब्बत या नफ़रत की बुन्यादी वज्ह अल्लाह पाक और उस के रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की रिज़ामन्दी होना कितनी अ़ज़ीम ने'मतें हैं कि जिसे नसीब हो जाएं, उसे ईमान की ह़क़ीक़ी लज़्ज़त नसीब हो जाती है बल्कि ह़क़ बात तो येह है कि जो ख़ुश नसीब मुसलमान किसी ज़ाती फ़ाइदे और दुन्यावी मक़्सद के बजाए सिर्फ़ और सिर्फ़ अल्लाह पाक की रिज़ा के लिये एक दूसरे से मेल जोल रखते और अल्लाह पाक की रिज़ा के