Book Name:Allah Pak Say Muhabbat Karnay Walon Kay Waq'eaat
ऐ काश ! अल्लाह पाक से सच्ची मह़ब्बत करने वालों का सदक़ा हमें भी नसीब हो जाए और ऐ काश ! हम भी उन मुबारक हस्तियों की सीरत पर अ़मल करने वाली बन जाएं, मदनी इनआ़म पर अ़मल करते हुवे सारी नमाज़ें अदा करें, रमज़ानुल मुबारक के महीनों के फ़र्ज़ रोज़ों के साथ साथ नफ़्ल रोज़े रखने वाली बन जाएं, हमेशा सच बोलें, अच्छे अख़्लाक़ वाली, मां-बाप और दीगर रिश्तेदारों के ह़ुक़ूक़ अदा करने वाली बन जाएं । ऐ काश ! गुनाहों के क़रीब भी न जाएं, हमारी कोई नमाज़ क़ज़ा न हो, माहे रमज़ान का कोई रोज़ा न छूटे, ज़बान से हरगिज़ हरगिज़ झूट, ग़ीबत, चुग़ली और गाली गलोच न निकले, अल्लाह पाक की रिज़ा के लिये इस्लामी बहनों की ह़क़ीक़ी मह़ब्बत व हमदर्दी हमें नसीब हो जाए । ऐ काश ! ग़ीबत से हमें नजात मिल जाए ।
اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
मह़ब्बते इलाही के लिये ह़ज़रते दावूद عَلَیْہِ السَّلَام की दुआ़
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! अल्लाह पाक की ह़क़ीक़ी मह़ब्बत ह़ासिल करने के लिये अल्लाह वालों की सीरत पर भी चलना चाहिये और साथ ही साथ मह़ब्बते इलाही ह़ासिल करने के लिये दुआ़ भी करनी चाहिये । ह़ज़रते सय्यिदुना दावूद عَلَیْہِ السَّلَام बहुत ज़ियादा इ़बादत करने वाले, मह़ब्बते इलाही रखने वाले और अल्लाह पाक के अ़ज़ीम नबी होने के बा वुजूद अल्लाह पाक से उस की मह़ब्बत का सुवाल किया करते थे । चुनान्चे,
ह़ज़रते सय्यिदुना अबू दर्दा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है, रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमान है : ह़ज़रते दावूद عَلَیْہِ السَّلَام येह दुआ़ मांगा करते थे : اَللّٰہُمَّ اِنِّیْ اَسْئَلُکَ حُبَّکَ وَحُبَّ مَنْ یُّحِبُّکَ وَالْعَمَلِ الَّذِیْ یُبَلِّغُنِیْ حُبَّک ऐ अल्लाह पाक ! मैं तुझ से तेरी, तेरे मह़बूब बन्दों की मह़ब्बत और उन आ'माल की मह़ब्बत मांगता हूं जो मुझे तेरी मह़ब्बत तक पहुंचा दें, اَللّٰہُمَّ اجْعَلْ حُبَّکَ اَحَبَّ اِلَیَّ مِنْ نَفْسِیْ وَمَالِیْ وَاَہْلِیْ وَمِنَ الْمَاءِ الْبَارِدِ ऐ अल्लाह पाक ! अपनी मह़ब्बत को मेरे लिये मेरी जानो माल, घर वालों और