Book Name:Allah Pak Say Muhabbat Karnay Walon Kay Waq'eaat
3. मह़ब्बते इलाही की एक निशानी अल्लाह पाक से सच्ची मह़ब्बत करने वाले नेक लोगों के नक़्शे क़दम पर चलना और अल्लाह की नेक बन्दियों की सोह़बत इख़्तियार करना भी है ।
शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ फ़रमाते हैं : हमेशा ऐसी सोह़बत इख़्तियार करनी चाहिये जिस से इ़बादत का शौक़ और सुन्नत पर अ़मल करने का ज़ौक़ बढ़े । दोस्ती उस से हो जिसे देख कर अल्लाह पाक याद आ जाए, उस की बातों से नेकियों की त़रफ़ रग़बत बढ़े, दुन्या की मह़ब्बत में कमी और आख़िरत की मह़ब्बत ज़ियादा हो । हमें नेक इस्लामी बहनों की सोह़बत इख़्तियार करनी चाहिये, ग़ैर सन्जीदा ह़रकतें करने वालियों, फै़शन करने वालियों की सोह़बत से बचना चाहिये ।
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! मह़ब्बते इलाही बढ़ाने, रिज़ाए इलाही पाने, दिल में ख़ौफे़ ख़ुदा जगाने, ईमान की ह़िफ़ाज़त का जज़्बा बढ़ाने, ख़ुद को क़ब्र और दोज़ख़ के अ़ज़ाब से डराने, गुनाहों की आ़दत मिटाने, अपने आप को सुन्नतों की पाबन्द बनाने, दिल में इ़श्के़ रसूल की शम्अ़ जलाने और जन्नतुल फ़िरदौस में मदनी आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का पड़ोस पाने का शौक़ बढ़ाने के लिये अच्छा माह़ोल बेह़द ज़रूरी है क्यूंकि आज मुआ़शरे के ख़राब ह़ालात में गुनाहों का ज़ोरदार सैलाब जिसे देखो बहाए लिये जा रहा है । ऐसे में आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक, दा'वते इस्लामी का मदनी माह़ोल किसी बड़ी ने'मत से कम नहीं, लिहाज़ा आप भी इस मदनी माह़ोल से हर दम वाबस्ता रहिये ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ दा'वते इस्लामी दुन्या भर में कमो बेश 107 शो'बाजात में दीने इस्लाम का पैग़ाम आ़म कर रही है, इन्ही में से एक "मजलिसे इज़्दियादे ह़ुब" भी है । वोह पुरानी इस्लामी बहनें जो पहले आती थीं मगर अब नहीं आतीं, उन्हें मदनी माह़ोल में फ़आ़ल करना, उन से