Book Name:Allah Pak Say Muhabbat Karnay Walon Kay Waq'eaat
करना, शोहरत व मर्तबे की ख़्वाहिश करना, कन्जूसी करना, अपने आप को बेहतर समझना वग़ैरा मुआ़मलात हमारे मुआ़शरे में बड़ी बेबाकी के साथ किये जाते हैं । इस के बा वुजूद हम इस ख़ुश फ़हमी में मुब्तला हैं कि हम अल्लाह पाक और प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से सच्ची मह़ब्बत करते हैं ! ज़रा सोचिये ! क्या अल्लाह पाक और नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से सच्ची मह़ब्बत करने वालों की गुफ़्तगू, उन का ज़िन्दगी गुज़ारने का अन्दाज़ और उन का किरदार ऐसा होता है ?
ऐ काश ! अल्लाह पाक से सच्ची मह़ब्बत करने वालों का सदक़ा हमें भी नसीब हो जाए और ऐ काश ! हम भी उन मुबारक हस्तियों की सीरत पर अ़मल करने वाले बन जाएं, मदनी इनआ़म पर अ़मल करते हुवे सारी नमाज़ें जमाअ़त के साथ मस्जिद की पहली सफ़ में तक्बीरे ऊला के साथ अदा करें, रमज़ानुल मुबारक के महीनों के फ़र्ज़ रोज़ों के साथ साथ नफ़्ल रोज़े रखने वाले बन जाएं, हमेशा सच बोलें, अच्छे अख़्लाक़ वाले, मां-बाप और दीगर रिश्तेदारों के ह़ुक़ूक़ अदा करने वाले बन जाएं । ऐ काश ! गुनाहों के क़रीब भी न जाएं, हमारी कोई नमाज़ क़ज़ा न हो, माहे रमज़ान का कोई रोज़ा न छूटे, ज़बान से हरगिज़ हरगिज़ झूट, ग़ीबत, चुग़ली और गाली गलोच न निकले, अल्लाह पाक की रिज़ा के लिये मुसलमानों की ह़क़ीक़ी मह़ब्बत व हमदर्दी हमें नसीब हो जाए । ऐ काश ! ग़ीबत से हमें नजात मिल जाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
मह़ब्बते इलाही के लिये ह़ज़रते दावूद عَلَیْہِ السَّلَام की दुआ़
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अल्लाह पाक की ह़क़ीक़ी मह़ब्बत ह़ासिल करने के लिये अल्लाह वालों की सीरत पर भी चलना चाहिये और साथ ही साथ मह़ब्बते इलाही ह़ासिल करने के लिये दुआ़ भी करनी चाहिये । ह़ज़रते सय्यिदुना दावूद عَلَیْہِ السَّلَام बहुत ज़ियादा इ़बादत करने वाले, मह़ब्बते इलाही रखने वाले और अल्लाह पाक के अ़ज़ीम नबी होने के बा वुजूद अल्लाह पाक से उस की मह़ब्बत का सुवाल किया करते थे । चुनान्चे,