Book Name:Allah Pak Say Muhabbat Karnay Walon Kay Waq'eaat
। ٭ मदनी ह़ल्के़ के मा'मूलात की वज़ाह़त । ٭ फै़ज़ाने सुन्नत के मुतअ़ल्लिक़ मुफ़ीद बातें । ٭ शजरह शरीफ़ पढ़ने की बरकतें । ٭ दुआ़ के फ़वाइद । ٭ इशराक़ व चाश्त की बरकतें । ٭ मदनी ह़ल्क़ा लगाने के फ़वाइद और ٭ मदनी ह़ल्क़ा लगाने की चन्द एह़तियात़ें वग़ैरा ।
٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! बा'दे फ़ज्र मदनी ह़ल्के़ की बरकत से मस्जिद में बैठने का सवाब ह़ासिल होता है । ٭ बा'दे फ़ज्र मदनी ह़ल्के़ की बरकत से तिलावते क़ुरआन करने और सुनने का शरफ़ ह़ासिल होता है । ٭ बा'दे फ़ज्र मदनी ह़ल्क़ा क़ुरआने करीम को तर्जमा व तफ़्सीर के साथ समझने का बेहतरीन ज़रीआ़ है । ٭ बा'दे फ़ज्र मदनी ह़ल्के़ की बरकत से मदनी इनआ़मात पर अ़मल होता है । ٭ बा'दे फ़ज्र मदनी ह़ल्के़ की बरकत से इशराक़ व चाश्त के नवाफ़िल पढ़ने का मौक़अ़ मिलता है । ٭ बा'दे फ़ज्र मदनी ह़ल्के़ में बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہِم اَجْمَعِیْن के ज़िक्रे ख़ैर पर मुश्तमिल शजरह शरीफ़ पढ़ने, सुनने का शरफ़ ह़ासिल होता है और बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہِم اَجْمَعِیْن का तज़किरा करना बाइ़से रह़मत है । चुनान्चे, ह़ज़रते सय्यिदुना सुफ़्यान बिन उ़यैना رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : नेक लोगों के ज़िक्र के वक़्त रह़मत नाज़िल होती है । (حِلْیَۃُ الْاَوْلِیَاء، ۷ / ۳۳۵، رقم:۱۰۷۵۰)
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہِم اَجْمَعِیْن के ज़िक्रे ख़ैर पर मुश्तमिल इस मुबारक शजरे की बरकत से कई आ़शिक़ाने रसूल के रुके हुवे काम बन जाते हैं । आइये ! बत़ौरे तरग़ीब एक मदनी बहार सुनिये और झूमिये । चुनान्चे,
बाबुल मदीना की एक इस्लामी बहन के घर में नाचाक़ियों ने डेरे डाल रखे थे, आए दिन लड़ाई, झगड़ों का सिलसिला रहता जिस की वज्ह से घर का सुकून बरबाद हो जाता था । वोह इस सूरते ह़ाल से सख़्त परेशान थीं, घर में अमन क़ाइम होने का कोई रास्ता न दिखाई देता था । इसी दौरान पीरो मुर्शिद, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की तवज्जोह से उन्हें शजरए क़ादिरिय्या रज़विय्या ज़ियाइय्या अ़त़्त़ारिय्या पढ़ने का ख़याल आया । बस फिर क्या था ! उन्हों ने शजरह शरीफ़ को घरेलू नाचाक़ियां दूर करने की निय्यत से पढ़ना