Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

Book Name:Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

          शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की बयान कर्दा इन चन्द दीनी ख़िदमात के इ़लावा आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की अपनी इनफ़िरादी इ़बादात को क़ाइम रखना जिस में फ़राइज़ की पाबन्दी, नवाफ़िल मसलन तहज्जुद, इश्राक़ व चाश्त व अव्वाबीन की अदाएगी के साथ साथ 12 माह अक्सर दिन नफ़्ल रोज़े रखने में इस्तिक़ामत, तिलावते क़ुरआन, सुन्नतों और मुस्तह़ब्बात पर अ़मल अपनी मिसाल आप है ।

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!     صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

8 मदनी कामों में से एक मदनी काम

"हफ़्तावार सुन्नतों भरा इजतिमाअ़"

          मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! अभी हम ने शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की दीनी ख़िदमात के बारे में सुना, जिसे सुन कर हमारे दिल में भी नेकी की दा'वत की धूमें मचाने और ख़िदमते दीन का जज़्बा पैदा हुवा होगा या मज़ीद बढ़ा होगा । इस मदनी जज़्बे को मज़ीद बढ़ाने के लिये आइये ! हम भी आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाएं और ज़ैली ह़ल्के़ के 8 मदनी कामों की दूसरों को तरग़ीब दिलाने के साथ साथ ख़ुद भी अ़मली त़ौर पर शामिल हों । ज़ैली ह़ल्के़ के 8 मदनी कामों में से एक मदनी काम "हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़" में शिर्कत करना भी है । हफ़्ते का कोई एक दिन मुक़र्रर कर के ज़ैली ह़ल्क़ा, ह़ल्क़ा, अ़लाक़ा या शहर सत़ह़ पर बा पर्दा जगह में हफ़्तावार सुन्नतों भरा इजतिमाअ़ कीजिये । दिन और वक़्त मख़्सूस रखिये । शरीक होने वालियों का हदफ़ फ़ी ज़ैली ह़ल्क़ा : कम अज़ कम 12 (दौरानिया ज़ियादा से ज़ियादा 2 घन्टे) । हफ़्तावार सुन्नतों भरा इजतिमाअ़