Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

Book Name:Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

  1. उस गुमराही की पैरवी करने वालों के बराबर गुनाह होगा (और) उन के गुनाहों में कोई कमी न होगी । (مسلم،کتاب العلم، باب من سن حسنۃ…الخ ،ص۱۴۳۸،حدیث:۲۶۷۴)

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! मा'लूम हुवा ! नेकी की दा'वत चाहे इनफ़िरादी ह़ैसिय्यत से हो या इजतिमाई़ त़ौर पर, देने वालियों और सुन कर अ़मल करने वालियों सब को दीनो दुन्या की बे शुमार बरकतें और भलाइयां नसीब होती हैं । लिहाज़ा नेकियों की शैदाई बन जाइये, दूसरी इस्लामी बहनों को नमाज़ी बनाने की मुहिम तेज़ से तेज़ तर कर दीजिये, जिन्हें नमाज़ नहीं आती, उन्हें नमाज़ सिखाइये, अगर हमारे सबब एक भी इस्लामी बहन नमाज़ी बन गई, तो जब तक वोह नमाज़ें पढ़ती रहेगी, उस की हर हर नमाज़ का हमें भी सवाब मिलता रहेगा । मद्रसतुल मदीना बालिग़ात में ख़ुद भी क़ुरआने करीम सीखये और दूसरों को भी इस की तरग़ीब दिलाइये, हम से सीखने वाली जब जब तिलावत करेगी, तो हमें भी उस की तिलावत का सवाब मिलता रहेगा । हम ख़ुद भी सुन्नतों पर अ़मल करें और दूसरों को भी अ़मल पर आमादा करें, अगर हम ने किसी को एक सुन्नत सिखा दी, तो जब जब वोह उस सुन्नत पर अ़मल करेगी, हमें भी उस सुन्नत पर अ़मल करने वाली की त़रह़ सवाब मिलता रहेगा । اِنْ شَآءَ اللّٰہ

जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात)

      मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! शरई़ मसाइल की मा'लूमात के लिये दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) में दाख़िला लीजिये । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ "मजलिसे जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात)" के तह़्त मुल्क व बैरूने मुल्क में तक़रीबन 265 जामिआ़तुल मदीना (लिल बनात) क़ाइम हैं, जिन में 16217 त़ालिबात दर्से निज़ामी (या'नी आ़लिमा कोर्स) की मुफ़्त ता'लीम ह़ासिल कर रही हैं । कमो बेश 3600 इस्लामी बहनें दर्से निज़ामी (या'नी आ़लिमा कोर्स) जब कि तक़रीबन 4014 इस्लामी