Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

Book Name:Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

जगा रही है कि यहां भी मदनी दौरा की ज़रूरत है, यहां भी मद्रसतुल मदीना बालिग़ात के ज़रीए़ ता'लीमे क़ुरआन को आ़म करने की ज़रूरत है, काश ! इस अ़लाके़ में भी मदनी इनआ़मात का फै़ज़ान आ़म हो ।

          अफ़्सोस ! ज़रूरिय्यात व सहूलिय्यात को ह़ासिल करने की ह़द से ज़ियादा जिद्दो जह्द ने मुसलमानों की भारी ता'दाद को फ़िक्रे आख़िरत से बिल्कुल ग़ाफ़िल कर दिया है । ज़रा सोचिये ! जहन्नम में ले जाने वाले आ'माल में मसरूफ़ रहने वालियों को जन्नत में ले जाने वाले आ'माल पर कौन आमादा करेगा ? हमें ख़ुद ही एक दूसरे की इस्लाह़ की कोशिश करनी होगी, नेकी की दा'वत का जज़्बा बढ़ाना होगा । लिहाज़ा इनफ़िरादी कोशिश को अपनी आ़दत बनाइये क्यूंकि नेकी की दा'वत में इनफ़िरादी कोशिश का बहुत अहम किरदार है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इनफ़िरादी कोशिश जैसे पाकीज़ा अ़मल के नतीजे में हमें बे शुमार दुन्यवी व उख़रवी फ़ज़ाइलो बरकात भी ह़ासिल होंगे । आइये ! बत़ौरे तरग़ीब 3 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सुनिये और अपने अन्दर इनफ़िरादी कोशिश का जज़्बा बेदार करने की कोशिश कीजिये ।

नेकी की दा'वत की तरग़ीब पर मुश्तमिल

3 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

  1. अल्लाह पाक की क़सम ! अगर अल्लाह पाक तुम्हारे ज़रीए़ किसी एक को भी हिदायत दे दे, तो येह तुम्हारे लिये सुर्ख़ ऊंटों से बेहतर है ।

(مسلم ،کتاب فضائل الصحابۃ،باب من فضائل علی بن ابن طالب، ص۱۳۱۱،حدیث :۲۴۰۶)

  1. जो नेकी का रास्ता दिखलाए, तो उस के लिये नेकी करने वाले की त़रह़ सवाब है । (مسلم،کتاب الامارۃ، باب فضل اعانۃ الغازی…الخ،ص۱۰۵۰،حدیث: ۱۸۹۳)

जिस ने हिदायत व भलाई की दा'वत दी, तो उसे इस भलाई की पैरवी करने वालों के बराबर सवाब मिलेगा (और) उन के अज्र (या'नी सवाब) में कोई कमी वाके़अ़ न होगी और जिस ने गुमराही की दा'वत दी, उसे