Book Name:Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat
बहनें "फै़ज़ाने शरीअ़त कोर्स" करने की सआ़दत ह़ासिल कर चुकी हैं । लिहाज़ा हिम्मत कीजिये ! आप भी और अपनी बालिग़ा बहनों, बेटियों को भी जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) में दाख़िल करवाइये और अपने लिये सवाबे जारिया का सामान कीजिये ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
घर में आने जाने की सुन्नतें और आदाब
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! आइये ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "101 मदनी फूल" से घर में आने जाने की सुन्नतें व आदाब सुनती हैं । ٭ जब घर से बाहर निकलें, तो येह दुआ़ पढ़िये : بِسْمِ اللہِ تَوَ کَّلْتُ عَلَی اللہِ لَاحَوْلَ وَلَا قُوَّۃَ اِلَّا بِاللہِ (तर्जमा : अल्लाह पाक के नाम से, मैं ने अल्लाह करीम पर भरोसा किया, अल्लाह पाक के बिग़ैर न त़ाक़त है, न क़ुव्वत । (ابو داود،۴/۴۲۰،حدیث:۵۰۹۵) اِنْ شَآءَ اللّٰہ इस दुआ़ को पढ़ने की बरकत से सीधी राह पर रहेंगी, आफ़तों से ह़िफ़ाज़त होगी और अल्लाह करीम की मदद शामिले ह़ाल रहेगी । ٭ घर में दाख़िल होने की दुआ़ : اَللّٰھُمَّ اِنِّیۤ اَسْأَ لُکَ خَیْرَ الْمَوْلَجِ وَ خَیْرَ الْمَخْرَجِ بِسْمِ اللہِ وَلَجْنَا وَ بِسْمِ اللہِ خَرَجْنَا وَ عَلَی اللہِ رَبِّنَا تَوَ کَّلْنَا (तर्जमा : ऐ अल्लाह पाक ! मैं तुझ से दाख़िल होने की और निकलने की भलाई मांगती हूं, अल्लाह पाक के नाम से हम (घर में) दाख़िल हुवे और उसी के नाम से बाहर आए और अपने रब्बे करीम पर हम ने भरोसा किया । (ابوداود،۴/۴۲۰،حدیث:۵۰۹۶) ٭ दुआ़ पढ़ने के बा'द घर के मह़ारिम को सलाम करे फिर बारगाहे रिसालत में सलाम अ़र्ज़ करे, इस के बा'द सूरतुल इख़्लास शरीफ़ पढ़े, اِنْ شَآءَ اللّٰہ घरेलू झगड़ों से बचत होगी ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد