Book Name:Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat
सुन्नतों भरे इजतिमाआ़त में पाबन्दी से शिर्कत कीजिये और वहां पर अपने बच्चे के लिये दुआ़ भी मांगिये, اِنْ شَآءَ اللّٰہ आप का बेटा सिह़्ह़तयाब हो जाएगा । चुनान्चे, उस इस्लामी बहन ने 12 इजतिमाआ़त में शिर्कत की पुख़्ता निय्यत कर ली । जब वोह पहली मरतबा सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शरीक हुई और जब वहां रिक़्क़त अंगेज़ दुआ़ हुई, तो उन्हों ने भी अपने रब्बे दावर से अपने लख़्ते जिगर की सिह़्ह़तयाबी की गिड़गिड़ा कर दुआ़ मांगी । इजतिमाअ़ के बा'द जब वोह घर वापस आईं, तो उन्हें अपने बेटे की त़बीअ़त पहले से बेहतर दिखाई दी, اَلْحَمْدُ لِلّٰہ वक़्त गुज़रने के साथ साथ उन का बेटा मुकम्मल त़ौर पर सिह़्ह़तयाब हो गया, यूं डॉक्टरों के अन्देशे ग़लत़ साबित हुवे और सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत की बरकत से उन का बेटा चलने, फिरने भी लगा । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ अब उन का सारा घराना दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो कर जन्नत की तय्यारी में मसरूफ़ है । (अगर आप को भी दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल के ज़रीए़ कोई मदनी बहार या बरकत मिली हो, तो आख़िर में मदनी बहार मक्तब पर जम्अ़ करवा दें) ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! मुसलमानों में नेकी की दा'वत आ़म करने की जितनी ज़रूरत आज है, शायद पहले कभी न थी क्यूंकि आज मुसलामानों की भारी अक्सरिय्यत बे अ़मली का शिकार है, मदनी मुज़ाकरों में भी अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ मुआ़शरे में तेज़ी के साथ फैलने वाले गुनाहों की निशान देही करते हुवे उम्मते मुस्लिमा में नेकी की दा'वत को आ़म करने का जज़्बा बेदार करने के लिये मदनी फूल अ़त़ा फ़रमाते रहते हैं, नेकियां करना नफ़्स के लिये बेह़द दुशवार और गुनाह करना बहुत आसान हो चुका है, मुसलमानों की बे अ़मली, दीन का दर्द रखने वालियों को गोया झन्झोड़ कर