Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat

Book Name:Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat

शक्ल में जम्अ़ किया जाएगा, चुग़ली लगाने वाले को आख़िरत से पहले अ़ज़ाबे क़ब्र में मुब्तला किया जाएगा और चुग़ल ख़ोर अव्वलन जन्नत में न जाएगा ।

          अफ़्सोस ! सद करोड़ अफ़्सोस ! दोस्तों की मह़फ़िल हो या मज़हबी इजतिमाअ़ के बा'द की बैठक, शादी की तक़रीब हो या ता'ज़ियत की निशस्त, किसी से मुलाक़ात हो या फ़ोन पर बात, चन्द मिनट भी अगर किसी से गुफ़्तगू की सूरत बने और दीनी मा'लूमात रखने वाला कोई ह़ुस्सास फ़र्द अगर उस गुफ़्तगू की तफ़्तीश करे, तो शायद अक्सर मजालिस में दीगर गुनाहों भरे अल्फ़ाज़ के साथ साथ वोह दरजनों चुग़लियां भी साबित कर दे ।

          आइये ! अब अपना दिल थाम कर चुग़ल ख़ोरी की हलाकत ख़ेज़ियों पर मुश्तमिल एक इ़ब्रतनाक ह़िकायत सुनिये और चुग़ल ख़ोरी से बचने की निय्यत कीजिये । चुनान्चे,

चुग़ली से घर की बरबादी

          दा'वते इस्लामी के इशाअ़ती इदारे मक्तबतुल मदीना के रिसाले "गुनाहों की नुह़ूसत" के सफ़ह़ा नम्बर 71 पर है : एक शख़्स ने किसी के हाथ अपना एक ग़ुलाम फ़रोख़्त किया और ख़रीदार को कह दिया कि इस ग़ुलाम में और कोई ऐ़ब नहीं, अलबत्ता चुग़ल ख़ोरी की आ़दत है । ख़रीदार ने इस ऐ़ब को ह़क़ीर (या'नी मा'मूली) जान कर उसे ख़रीद लिया, वोह ग़ुलाम उस शख़्स की ख़िदमत में रहने लगा । एक रोज़ वोही ग़ुलाम अपने आक़ा की बीवी के पास गया और कहा : ऐ बेगम साह़िबा ! मुझे अफ़्सोस है ! कि आप के मियां को आप से कुछ मह़ब्बत नहीं, अब उन का इरादा है कि कोई लौन्डी ख़रीद कर उस के साथ ऐ़श करें और आप को बिल्कुल छोड़ दें । अगर आप की ख़्वाहिश हो, तो मैं आप को ऐसी तरकीब बताऊं जिस से उन का दिल आप की त़रफ़ माइल हो जाए और आप से मह़ब्बत करने लगें । बीवी ने पूछा : वोह क्या तरकीब है ? ग़ुलाम ने कहा : आज रात जब आप के मियां सो जाएंतो उस्तरा ले कर गले के पास से उन की दाढ़ी के कुछ बाल मुन्ड लेना और उन बालों को अपने पास रखना फिर मैं तरकीब बता दूंगा । इस के बा'द ग़ुलाम अपने आक़ा के पास आया और कहने लगा : ह़ुज़ूर ! मैं ने आज बीबी को एक ग़ैर शख़्स के साथ मेल जोल करते हुवे देखा है और वोह आप को क़त्ल कर डालने की फ़िक्र में है, अगर आप मेरे क़ौल की तस्दीक़ चाहते हैं, तो आज रात को आंखें बन्द कर के लेटे रहें और अपने को सोता हुवा बना लें । ग़ुलाम की बात से उस के दिल में शक पैदा हो गया, रात को उस ने वैसा ही किया । औ़रत समझी कि सो रहा है, लिहाज़ा वोह उस्तरा ले कर दाढ़ी के बाल मुन्डने के लिये बढ़ी । शौहर का ख़याल पुख़्ता हो गया कि वाके़ई़ वोह औ़रत उसे क़त्ल करना चाहती है, वोह फ़ौरन उठ खड़ा हुवा और उस्तरा छीन कर औ़रत को मार डाला । औ़रत के अ़ज़ीज़ो अक़ारिब को मा'लूम हुवा, तो दौड़े आए और उस शख़्स को क़त्ल कर दिया फिर दोनों के अ़ज़ीज़ो अक़ारिब में बाहम लड़ाई हुई और एक सौ (One Hundred) के क़रीब आदमी मारे गए । (احیاء العلوم ،کتاب آفات اللسان ، ۳/۱۹۵ )

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! मा'लूम हुवा ! चुग़ल ख़ोरी इन्तिहाई बुरी बीमारी है । चुग़ल ख़ोरी की आ़दत घर के अमनो सुकून को तबाहो बरबाद कर देती है, चुग़ल ख़ोरी के सबब आपस में दूरियां पैदा हो जाती हैं, चुग़ल ख़ोरी की वज्ह से आपस में शको शुब्हात पैदा होने लगते हैं, चुग़ल