Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat

Book Name:Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat

किये गए हैं । आइये ! मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में पढ़ने की बरकत पर मुश्तमिल एक मदनी बहार सुनिये । चुनान्चे,

बद निगाही की आ़दत से नजात मिल गई

          बाबुल मदीना के इस्लामी भाई दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता होने से पहले फ़िल्में ड्रामे देखने, गाने बाजे सुनने और बद निगाही करने के आ़दी थे, नमाज़ों की पाबन्दी का भी ज़ेहन न था । किसी इस्लामी भाई ने इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे उन्हें मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में शिर्कत की दा'वत दी, उन्हों ने मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में पढ़ना शुरूअ़ कर दिया । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की बरकत से हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत करने का मा'मूल बन गया और वोह अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ से मुरीद हो कर नमाज़ी और मस्जिद में दर्स देने वाले बन गए । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ फ़िल्में, ड्रामे, गाने, बाजे, बद निगाही वग़ैरा गुनाहों को छोड़ दिया और अपने घर वालों पर भी इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे उन्हें भी नमाज़ी बनाने की कोशिशों में मसरूफ़ हैं ।

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!     صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

मजलिसे मद्रसतुल मदीना बालिग़ान

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ दा'वते इस्लामी दीने मतीन के कमो बेश 105 शो'बाजात में मदनी काम कर रही है, इन्ही में से एक शो'बा "मद्रसतुल मदीना बालिग़ान" भी है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में बालिग़ या'नी बड़ी उ़म्र के इस्लामी भाइयों को दुरुस्त मख़ारिज की अदाएगी के साथ मदनी क़ाइ़दा और क़ुरआने करीम फ़ी सबीलिल्लाह पढ़ाया जाता है । मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में पढ़ने वाले ख़ुश नसीब आ़शिक़ाने रसूल क़ुरआने करीम की ता'लीम से आरास्ता होने के साथ साथ कसीर इ़ल्मे दीन भी सीखने की सआ़दत ह़ासिल करते हैं ।

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! मद्रसतुल मदीना बालिग़ान के जदवल में किताब "नमाज़ के अह़काम" से नमाज़, ग़ुस्ल, वुज़ू, नमाज़े जनाज़ा, सुन्नतें सिखाना, मदनी दर्स देना, फ़र्ज़ उ़लूम पर मुश्तमिल बयानात सुनना, दुआ़ याद करवाना और आख़िर में मदनी इनआ़मात के रिसाले से फ़िक्रे मदीना करना भी शामिल है । याद रहे ! इस मजलिस के तह़्त मुल्क व बैरूने मुल्क में हज़ारों मदारिसुल मदीना बालिग़ान लगाए जा रहे हैं, जिन में एक लाख से ज़ाइद आ़शिक़ाने रसूल फ़ी सबीलिल्लाह ता'लीमे क़ुरआन ह़ासिल कर रहे हैं । आप भी हिम्मत कीजिये, ता'लीमे क़ुरआन ह़ासिल करने के लिये मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में ख़ुद भी शिर्कत कीजिये और दूसरे इस्लामी भाइयों को भी इस की तरग़ीब दिलाइये । अल्लाह पाक हम सब को क़ुरआने करीम सह़ीह़ मख़ारिज के साथ पढ़ने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!     صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! हम चुग़ल ख़ोरी की मज़म्मत और उस के नुक़्सानात के बारे में सुन रहे थे । आइये ! इस ज़िमन में एक इ़ब्रतनाक वाक़िआ़ सुनते हैं । चुनान्चे,