Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat

Book Name:Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat

आदम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की मर्ज़ी के मुत़ाबिक़ अगर ज़बान को चलाया जाए, तो जन्नत में घर तय्यार हो जाएगा । इस ज़बान से हम तिलावते क़ुरआने पाक करें, ज़िक्रुल्लाह करें, दुरूदो सलाम का विर्द करें, ख़ूब ख़ूब नेकी की दा'वत दें, तो اِنْ شَآءَ اللّٰہ हमारे वारे ही नियारे हो जाएंगे । चुनान्चे,

हर बात पर साल भर की इ़बादत का सवाब

          ह़ज़रते सय्यिदुना मूसा عَلَیْہِ السَّلَام ने बारगाहे इलाही में अ़र्ज़ की : ऐ रब्बे करीम ! जो अपने भाई को बुलाए और उसे नेकी का ह़ुक्म करे और बुराई से रोके, उस शख़्स का बदला क्या होगा ? फ़रमाया : मैं उस के हर कलिमे के बदले एक साल की इ़बादत का सवाब लिखता हूं और उसे जहन्नम की सज़ा देने में मुझे ह़या आती है । (मुकाशफ़तुल क़ुलूब, स. 48)

          याद रहे ! नेकी की बात बताने, गुनाह से नफ़रत दिलाने और इन कामों के लिये किसी पर इनफ़िरादी कोशिश का सवाब कमाने के लिये येह ज़रूरी नहीं कि जिस को समझाया, वोह मान जाए तो ही सवाब मिलेगा बल्कि अगर वोह न माने तब भी اِنْ شَآءَ اللّٰہ सवाब ही सवाब है । अगर आप की इनफ़िरादी कोशिश से किसी ने मसलन मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में पढ़ना शुरूअ़ कर दिया और वोह भी मदनी रंग में रंग गया, तो اِنْ شَآءَ اللّٰہ आप का भी बेड़ा पार हो जाएगा ।

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!     صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम

"मद्रसतुल मदीना बालिग़ान"

          याद रहे ! ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से रोज़ाना का एक मदनी काम "मद्रसतुल मदीना बालिग़ान" में पढ़ना या पढ़ाना भी है । ٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की बरकत से दुरुस्त क़ुरआने करीम पढ़ना नसीब होता है । ٭ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान नमाज़, वुज़ू और ग़ुस्ल वग़ैरा ज़रूरी अह़कामे इस्लामिया सीखने का बेहतरीन ज़रीआ़ है । ٭ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में ह़ाज़िरी की बरकत से अच्छी सोह़बत मुयस्सर आती है । ٭ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की बरकत से क़ुरआने करीम पढ़ने, पढ़ाने की सआ़दत मिलती है । ٭ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की बरकत से इ़ल्मे दीन की दौलत नसीब होती है । ٭ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की बरकत से मदनी इनआ़मात पर अ़मल का जज़्बा मिलता है । ٭ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की बरकत से अच्छे अख़्लाक़ अपनाने का मौक़अ़ मिलता है । ٭ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की बरकत से मस्जिद में बैठने का सवाब मिलता है ।

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मद्रसतुल मदीना बालिग़ान का रिसाला भी मक्तबतुल मदीना से शाएअ़ हो चुका है । इस रिसाले में क़ुरआने करीम पढ़ने के फ़ज़ाइल, तरबिय्यत की अहम्मिय्यत, दुरुस्त क़ुरआने पाक पढ़ने का शरई़ ह़ुक्म, मद्रसतुल मदीना बालिग़ान के 7 मदनी फूल, मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की मदनी बहारें, मद्रसतुल मदीना बालिग़ान की ता'दाद बढ़ाने का त़रीक़ा, आदाबे मस्जिद, मर्कज़ी मजलिसे शूरा के मदनी मशवरों से लिये गए मदनी फूल और इस के इ़लावा कई मदनी फूल बयान