Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat

Book Name:Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat

का अन्दाज़ा इस बात से लगाइये कि क़ुरआने पाक में चुग़ल ख़ोर की मज़म्मत बयान की गई है । चुनान्चे, पारह 29, सूरतुल क़लम की आयत नम्बर 11 में इरशाद होता है :

هَمَّازٍ مَّشَّآءٍۭ بِنَمِیْمٍۙ(۱۱)(پ۲۹،القلم:۱۱)

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : सामने सामने बहुत त़ा'ने देने वाला, चुग़ली के साथ इधर उधर बहुत फिरने वाला ।

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! जिस त़रह़ क़ुरआने करीम में चुग़ल ख़ोर की मज़म्मत को बयान किया गया है, इसी त़रह़ अह़ादीसे रसूल में भी चुग़ल ख़ोरों की मज़म्मत बयान हुई है । आइये ! इ़ब्रत के लिये 6 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मुलाह़ज़ा कीजिये :

चुग़ली के मुतअ़ल्लिक़ 6 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

1.     इरशाद फ़रमाया : ग़ीबत और चुग़ली, ईमान को इस त़रह़ काट देती हैं जैसे चरवाहा दरख़्त को काट देता है । (الترغیب و الترہیب ، کتاب الادب ، رقم: ۴۳۶۲،ج۳،ص ۴۰۵)

2.     इरशाद फ़रमाया : तुम लोगों में सब से ज़ियादा ख़ुदा के नज़दीक ना पसन्दीदा वोह है जो इधर उधर की बातों में लगाई बुझाई कर के मुसलमान भाइयों में इख़्तिलाफ़ और फूट डालता है ।

(مسندامام احمد،حدیث عبد الرحمن بن عثم ،رقم:۱۸۰۲۰،۶/۲۹۱)

3.     इरशाद फ़रमाया : अल्लाह पाक के बेहतरीन बन्दे वोह हैं कि जब उन को देखा जाए तो अल्लाह पाक याद आ जाए और अल्लाह पाक के बदतरीन बन्दे चुग़ली खाने के लिये इधर उधर फिरने वाले, दोस्तों के दरमियान जुदाई डालने वाले और बे ऐ़ब लोगों की ख़ामियां निकालने वाले हैं ।

(مسندامام احمد، مسند الشامیین،حدیث عبد الرحمن بن غنم الاشعری،۶/۲۹۱،حدیث:۱۸۰۲۰)

4.     इरशाद फ़रमाया : मुंह पर बुरा भला कहने वालों, पीठ पीछे ऐ़बजूई करने वालों, चुग़ली खाने वालों और बे ऐ़ब लोगों में ऐ़ब तलाश करने वालों को अल्लाह पाक (क़ियामत के दिन) कुत्तों की शक्ल में जम्अ़ फ़रमाएगा ।

(التوبیخ والتنبیہ لابی الشیخ الاصبہانی، باب البہتان وماجاء فیہ، ص۲۳۷، حدیث: ۲۱۶)

5.     इरशाद फ़रमाया : चुग़ल ख़ोर को आख़िरत से पहले उस की क़ब्र में अ़ज़ाब दिया जाएगा । (بخاری،کتاب الوضو،باب من الکبائر ...الخ،حدیث:۲۱۶، ۱/۹۵)

6.     इरशाद फ़रमाया : لَایَدْخُلُ الْجَنَّۃَ قَتَّاتٌ चुग़ल ख़ोर जन्नत में दाख़िल न होगा ।

(بخاری، کتاب الادب، باب مایکرہ من النمیمۃ، الحدیث۶۰۵۶،ص۵۱۲)

        बयान कर्दा आख़िरी ह़दीसे मुबारका के तह़्त ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : "क़त्तात" वोह शख़्स है जो मुख़ालिफ़ों की बातें छुप कर सुने और फिर उन्हें ज़ियादा लड़ाने के लिये एक की बात दूसरे तक पहुंचाए, अगर येह शख़्स ईमान पर मरा, तो जन्नत में अव्वलन न जाएगा, बा'द में जाए तो जाए, अगर कुफ़्र पर मरा, तो कभी वहां न जाएगा । (मिरआतुल मनाजीह़, 6 / 452, मुलख़्ख़सन)

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा अह़ादीसे मुबारका से मा'लूम हुवा ! चुग़ली, ईमान को काट देती है, चुग़ली कर के मुसलमानों में फूट डलवाने वाला अल्लाह पाक का ना पसन्दीदा बन्दा है, चुग़ली खाने वाला बदतरीन बन्दा है, चुग़ली खाने वालों को बरोज़े क़ियामत कुत्तों की