Book Name:Chughli Ka Azaab-o-Chughal Khor Ki Mozammat
2. उसे चुग़ली से मन्अ़ करे, समझाए और उस के सामने उस के फे़'ल की बुराई ज़ाहिर करे ।
3. अल्लाह पाक की रिज़ा के लिये उस से बुग़्ज़ (या'नी नफ़रत) रखे क्यूंकि चुग़ल ख़ोर, अल्लाह पाक को ना पसन्द है और जिसे अल्लाह पाक ना पसन्द करे, उस से बुग़्ज़ (या'नी नफ़रत) रखना वाजिब है ।
4. अपने मुसलमान भाई या'नी जिस की ग़ीबत की गई, उस से बद गुमान न हो क्यूंकि अल्लाह पाक का फ़रमान है :
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اجْتَنِبُوْا كَثِیْرًا مِّنَ الظَّنِّ٘-اِنَّ بَعْضَ الظَّنِّ اِثْمٌ(پ۲۶،الحجرات:۱۲)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : ऐ ईमान वालो ! बहुत ज़ियादा गुमान करने से बचो ! बेशक कोई गुमान गुनाह हो जाता है ।
5. जो बात तुम्हें बताई गई, वोह तुम्हें तजस्सुस (या'नी तलाश व तह़क़ीक़ करने) और बह़्स पर न उभारे कि तुम उसे ह़क़ीक़त समझने लग जाओ । अल्लाह पाक इरशाद फ़रमाता है :
وَّ لَا تَجَسَّسُوْا(پ۲۶،الحجرات:۱۲)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : और (पोशीदा बातों की) जुस्तजू न करो ।
6. जिस बात से तुम चुग़ल ख़ोर को मन्अ़ कर रहे हो, उसे अपने लिये पसन्द न करो और न ही उस की चुग़ली आगे बयान करो कि येह कहो : उस ने मुझ से येह बात बयान की । इस त़रह़ तुम चुग़ल ख़ोर और ग़ीबत करने वाले हो जाओगे और जिस बात से तुम ने मन्अ़ किया, ख़ुद उस के करने वाले बन जाओगे । (इह़याउल उ़लूम, 3 / 473)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आइये ! चुग़ल ख़ोरी से नजात पाने के मज़ीद 9 त़रीक़ों के बारे में सुनते हैं :
चुग़ली से बचने के मज़ीद 9 त़रीके़
1. चुग़ल ख़ोरी से नजात पाने के लिये चुग़ल ख़ोरों को दिये जाने वाले अ़ज़ाबात को अपने पेशे नज़र रखिये, अपना मुह़ासबा कीजिये कि जलती सिगरेट या तीली पर पाउं पड़ जाए, गर्मा गर्म बरतन, इस्त्री या पानी जिस्म से लग जाए, तो चीख़ें निकल जाती हैं, अगर चुग़ली करने के सबब अ़ज़ाबे क़ब्र में मुब्तला कर दिया गया, तो मेरा क्या बनेगा ? मेरा नर्म व नाज़ुक बदन उस अ़ज़ाब को कैसे सह सकेगा ? वग़ैरा ।
2. चुग़ल ख़ोरी की मज़म्मत में बयान कर्दा आयाते करीमा और अह़ादीसे मुबारका को बार बार पढ़ते और सुनते रहिये ।
3. चुग़ल ख़ोरी उ़मूमन ज़बान से ही होती है, लिहाज़ा अपनी ज़बान की ह़िफ़ाज़त कीजिये और जाइज़ गुफ़्तगू के इ़लावा अक्सर वक़्त ख़ामोश रहने की आ़दत अपनाइये ।
4. बुरे दोस्तों की सोह़बत चुग़ल ख़ोरी पर उभारती है, लिहाज़ा उन की सोह़बत से दूर रहिये और हमेशा आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत में बैठिये ।
जब भी शैत़ान चुग़ल ख़ोरी पर उभारे, तो अपना यूं ज़ेहन बनाइये कि जब मैं अपने लिये येह पसन्द नहीं करता कि कोई मेरी ग़ीबत करे, मेरे बारे में किसी को बुरी बात कहे, मेरा राज़