Book Name:Madani Inamaat,Rahe Nijaat
हैं, इ़लावा अज़ीं नेकियां गुनाहों को मिटाने का ज़रीआ भी हैं । क़ुरआने करीम में जा बजा आ'माले सालेह़ा के फ़ज़ाइल बयान कर के इस की तरग़ीब दिलाई गई है । आइये ! इस ज़िमन में तीन फ़रामीने ख़ुदावन्दी सुनते हैं ।
पारह 24, सूरए حٰم اَلسَّجدہ की आयत नम्बर 8 में इरशाद होता है :
(اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَ عَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَهُمْ اَجْرٌ غَیْرُ مَمْنُوْنٍ۠(۸) ) (پ۲۴،حم السجدۃ:۸)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : बेशक ईमान लाने वालों और अच्छे आ'माल करने वालों के लिये बे इन्तिहा सवाब है ।
इसी त़रह़ पारह 30, सूरतुल बय्यिना की आयत नम्बर 7 और 8 में इरशाद होता है :
(اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَ عَمِلُوا الصّٰلِحٰتِۙ-اُولٰٓىٕكَ هُمْ خَیْرُ الْبَرِیَّةِؕ(۷) جَزَآؤُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ جَنّٰتُ عَدْنٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِیْنَ فِیْهَاۤ اَبَدًاؕ-رَضِیَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَ رَضُوْا عَنْهُؕ-ذٰلِكَ لِمَنْ خَشِیَ رَبَّهٗ۠(۸)) (پ۳۰،البینۃ: ۷۔۸)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : बेशक जो ईमान लाए और उन्हों ने अच्छे काम किये, वोही तमाम मख़्लूक़ में सब से बेहतर हैं । उन का सिला उन के रब के पास बसने के बाग़ात हैं जिन के नीचे नहरें बहती हैं, उन में हमेशा हमेशा रहेंगे, अल्लाह उन से राज़ी हुवा और वोह उस से राज़ी हुवे, येह सिला उस के लिये है जो अपने रब से डरे ।
٭ पारह 12, सूरतुल हूद की आयत नम्बर 114 में इरशाद होता है :
اِنَّ الْحَسَنٰتِ یُذْهِبْنَ السَّیِّاٰتِؕ- (پ۱۲،ھود: ۱۱۴)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : बेशक नेकियां बुराइयों को मिटा देती हैं ।
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि जो लोग ईमान लाने के बा'द नेक आ'माल करते हैं, अल्लाह पाक उन ख़ुश नसीबों को इस क़दर सवाब अ़त़ा फ़रमाता है जिस की कोई इन्तिहा नहीं नीज़ जन्नती बाग़ात उन का ठिकाना बनते हैं और करम बालाए करम येह कि नेक आ'माल की वज्ह से उन की बुराइयां भी मिटा दी जाती हैं । लिहाज़ा हमें चाहिये कि ज़िन्दगी को मौत