Book Name:Fazilat Ka Maiyar Taqwa
रखने वालों, मेहंगी गाडि़यों में घूमने वालों, मेहंगे मोबाइल, कम्प्यूटर या लेपटॉप रखने वालों, उ़म्दा लिबास में मल्बूस रहने वालों, ऊंची बिल्डिंगों, ख़ूब सूरत बंगलों या मेहंगे अ़लाक़ों में बसने वालों, गोरी रंगत वालों और आ'ला नसब वालों को ही सब से अफ़्ज़ल व बेहतर जानते और सुब्ह़ो शाम उन्हीं के गुन गाते नज़र आते हैं जब कि अल्लाह पाक के नज़दीक वोही मुसलमान ज़ियादा इ़ज़्ज़तो इकराम वाला है कि जो तक़्वा व परहेज़गारी में दूसरों से ज़ियादा हो । चुनान्चे, पारह 26, सूरतुल ह़ुजुरात की आयत नम्बर 13 में इरशाद होता है :
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا یَسْخَرْ قَوْمٌ مِّنْ قَوْمٍ عَسٰۤى اَنْ یَّكُوْنُوْا خَیْرًا مِّنْهُمْ وَ لَا نِسَآءٌ مِّنْ نِّسَآءٍ عَسٰۤى اَنْ یَّكُنَّ خَیْرًا مِّنْهُنَّۚ-وَ لَا تَلْمِزُوْۤا اَنْفُسَكُمْ وَ لَا تَنَابَزُوْا بِالْاَلْقَابِؕ-بِئْسَ الِاسْمُ الْفُسُوْقُ بَعْدَ الْاِیْمَانِۚ-وَ مَنْ لَّمْ یَتُبْ فَاُولٰٓىٕكَ هُمُ الظّٰلِمُوْنَ(۱۱) (پ۲۶،الحجرات:۱۳ )
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : ऐ लोगो ! हम ने तुम्हें एक मर्द और एक औ़रत से पैदा किया और तुम्हें क़ौमें और क़बीले बनाया ताकि तुम आपस में पहचान रखो, बेशक अल्लाह के यहां तुम में ज़ियादा इ़ज़्ज़त वाला वोह है, जो तुम में ज़ियादा परहेज़गार है, बेशक अल्लाह जानने वाला ख़बरदार है ।
ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान नई़मी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ इस आयते मुबारका के तह़्त फ़रमाते हैं : सब इन्सानों की अस्ल ह़ज़रते आदम व ह़व्वा (عَلَیْہِ السَّلَام وَرَضِیَ اللہُ تَعَالٰی عَنْہَا) हैं और इन की अस्ल मिट्टी है, तो तुम सब की अस्ल मिट्टी हुई फिर नसब पर अकड़ते और इतराते क्यूं हो ? इन्सान को मुख़्तलिफ़ नसब व क़बीले बनाना एक दूसरे की पहचान के लिये है, न कि शेख़ी मारने और इतराने के लिये । (इस आयते मुबारका का शाने नुज़ूल बयान करते हुवे फ़रमाते हैं :) ह़ुज़ूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ बाज़ारे मदीना में तशरीफ़ ले गए, वहां मुलाह़ज़ा फ़रमाया कि एक ग़ुलाम येह कह रहा है कि जो मुझे ख़रीदे, वोह मुझे ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) के पीछे पंजगाना नमाज़ से न रोके । उसे एक शख़्स ने ख़रीद लिया फिर वोह ग़ुलाम बीमार हो गया, तो सरकार (صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) उस की तीमार दारी (या'नी ख़बर गीरी करने) को तशरीफ़ ले गए