Book Name:Fazilat Ka Maiyar Taqwa
सब से ज़ियादा इ़ज़्ज़त वाला कौन ?
ह़ज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से मरवी है, अ़र्ज़ की गई : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! सब से ज़ियादा इ़ज़्ज़त वाला कौन है ? फ़रमाया : वोह जो लोगों में सब से ज़ियादा मुत्तक़ी हो ।
(بخاری، کتاب احادیث الانبیاء،باب قولہ تعالٰی واتخذ اللہ ابراہیم خلیلا،۲ / ۴۲۱،حدیث:۳۳۵۳)
एक और रिवायत में है कि रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ह़ज़रते अबू ज़र رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से फ़रमाया : तुम किसी सुर्ख़ या काले से बेहतर नहीं मगर येह कि तुम उस से तक़्वा में बढ़ जाओ ।
(مسند احمد، مسند الانصار،حدیث ابی ذر الغفاری،۸ / ۹۳،حدیث:۲۱۴۶۴)
ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : सियाह फ़ाम मोमिन (या'नी काले रंग वाला मुसलमान) हज़ारहा सुर्ख़ सफे़द काफ़िरों से अफ़्ज़ल है, सियाह फ़ाम मुत्तक़ी हज़ारहा सुर्ख़ सफे़द बदकारों से अफ़्ज़ल है । फ़ासिक़ से मुत्तक़ी अफ़्ज़ल, ग़ाफ़िल से बेदार अफ़्ज़ल, येह फ़रमाने आ़ली बहुत ही वसीअ़ है । (मिरआतुल मनाजीह़, 7 / 32-33, मुल्तक़त़न)
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! मा'लूम हुवा ! दीने इस्लाम में ऊंचे नसब वाला या मालदार होना, सफे़द व सियाह रंगत वाला होना बाइ़से फ़ज़ीलत नहीं बल्कि इन्सान के अफ़्ज़लो आ'ला होने का मे'यार तक़्वा व परहेज़गारी पर है । तक़्वा व परहेज़गारी ऐसी अ़ज़ीमुश्शान दौलत है कि इमामुल मुत्तक़ीन, सय्यिदुल मुर्सलीन صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ जब बारगाहे इलाही में दुआ़ के लिये हाथ उठाते, तो तक़्वा की भी दुआ़ फ़रमाते । चुनान्चे,
ह़ज़रते सय्यिदुना इबने मस्ऊ़द رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से मरवी है कि नबिय्ये करीम, रऊफ़ुर्रह़ीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ येह दुआ़ मांगा करते थे : اَللّٰهُمَّ اِنِّي اَسْئَلُكَ الْهُدٰى وَالتُّقىٰ وَالْعَفَافَ وَالْغِنىٰ ऐ मेरे परवर दगार ! मैं तुझ से हिदायत, तक़्वा, पाक दामनी और तवंगरी का सुवाल करता हूं ।