Book Name:Fazilat Ka Maiyar Taqwa
सलाम का दुरुस्त तलफ़्फु़ज़ याद फ़रमा लीजिये । पहले मैं कहती हूं, आप सुन कर दोहराइये : اَلسَّلَامُ عَلَیْکُمْ । अब पहले मैं जवाब सुनाती हूं फिर आप इस को दोहराइये : وَعَلَیْکُمُ السَّلَام ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
दा'वते इस्लामी के हफ़्तावार
सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में पढ़े जाने वाले
6 दुरूदे पाक और 2 दुआएं
{1} शबे जुमुआ का दुरूद :
اَللّٰہُمَّ صَلِّ وَسَلِّمْ وَبَارِکْ عَلٰی سَیِّدِنَامُحَمَّدِنِ النَّبِیِّ الْاُمِّیِّ الْحَبِیْبِ الْعَالِی الْقَدْرِالْعَظِیْمِ
وَعَلٰی اٰلِہٖ وَصَحْبِہٖ وَسَلِّمْ الْجَاہِ
बुज़ुर्गों ने फ़रमाया कि जो शख़्स हर शबे जुमुआ (जुमुआ और जुमा'रात की दरमियानी रात) इस दुरूद शरीफ़ को पाबन्दी से कम अज़ कम एक मरतबा पढे़गा, तो मौत के वक़्त सरकारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ज़ियारत करेगा और क़ब्र में दाख़िल होते वक़्त भी यहां तक कि वोह देखेगा कि सरकारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ उसे क़ब्र में अपने रह़मत भरे हाथों से उतार रहे हैं । (اَفْضَلُ الصَّلَوات عَلٰی سَیِّدِ السّادات ص١٥١ملخصًا)
{2} तमाम गुनाह मुआफ़ :
اَللّٰہُمَّ صَلِّ عَلٰی سَیِّدِ نَا وَمَوْلَانَا مُحَمَّدٍ وَّعَلٰی اٰلِہٖ وَسَلِّمْ
ह़ज़रते सय्यिदुना अनस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि ताजदारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : जो शख़्स येह दुरूदे पाक पढ़े, अगर खड़ा था, तो बैठने से पहले और बैठा था, तो खड़े होने से पहले उस के गुनाह मुआफ़ कर दिये जाएंगे । (اَیضاً ص ٦٥)