Fazilat Ka Maiyar Taqwa

Book Name:Fazilat Ka Maiyar Taqwa

अ़क़्लें गई नहीं होतीं ! लेकिन इन्हों ने अल्लाह पाक के मुआ़मले में ग़ौरो फ़िक्र किया, तो इस के सबब इन के अन्दर से दुन्या (की मह़ब्बत) चली गई । दुन्या वालों के नज़दीक येह लोग बे अ़क़्ल शख़्स की त़रह़ चलते हैं, ह़ालांकि इन की अ़क़्लें उस वक़्त भी सलामत होंगी जब लोगों की अ़क़्लें चली जाएंगी, इन के लिये आख़िरत में बुलन्द मर्तबा होगा, जब तुम इन्हें किसी शहर में देखो, तो जान लेना कि येह उस शहर वालों के लिये अमान हैं, जिस क़ौम में येह हों, अल्लाह पाक उन पर अ़ज़ाब नहीं फ़रमाता, ज़मीन इन से ख़ुश और रब्बे करीम इन से राज़ी है, तुम इन्हें अपना भाई बना लेना, क़रीब है कि तुम इन के वसीले से नजात पा जाओ । (इह़याउल उ़लूम, 3  /  246, मुल्तक़त़न)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!  صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

8 मदनी कामों में से एक मदनी काम "मदनी इनआ़मात"

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! तक़्वा व परहेज़गारी का आ़दी बनने, मुत्तक़ी मुसलमानों की इ़ज़्ज़त, आबरू की ह़िफ़ाज़त का जज़्बा पाने और कामयाब मुसलमान बनने के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और ज़ैली ह़ल्क़े के 8 मदनी कामों में बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लीजिये । 8 मदनी कामों में से एक मदनी काम

"मदनी इनआ़मात" पर अ़मल करना भी है । अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के अ़त़ा कर्दा 63 मदनी इनआ़मात नेक बनने और अपने एह़तिसाब का बेहतरीन नुस्ख़ा है और अपना मुह़ासबा करने के ह़वाले से ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर फ़ारूक़ رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने फ़रमाया : अपने नफ़्स का मुह़ासबा करो, इस से पहले कि तुम्हारा ह़िसाब लिया जाए और वज़्न किये जाने से पहले अपने आ'माल का ख़ुद वज़्न कर लो और बहुत बड़ी पेशी के लिये तय्यार हो जाओ ।

(फै़ज़ाने इह़याउल उ़लूम, स. 79)

        लिहाज़ा वक़्त मुक़र्रर कर के रोज़ाना फ़िक्रे मदीना कीजिये (या'नी मदनी इनआ़मात के मुत़ाबिक़ आज कहां तक अ़मल हुवा) रिसाले में दिये गए