Book Name:Hasanain-e-Karimain ki Shan-o-Azmat
दोज़ख़ की आग) पर ह़राम हैं (या'नी जन्नती हैं) और येही इस तत़्हीर का फ़ाइदा और समरा (या'नी नतीजा) है और जो चीज़ उन के अह़वाले शरीफ़ा के लाइक़ न हो, इस से उन का परवर दगार उन्हें मह़फ़ूज़ रखता और बचाता है ।
(सवानह़े करबला, स. 82)
हमें भी अहले बैते पाक (رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُم اَجْمَعِیْن) से मह़ब्बत क़ाइम रखते हुवे उन के नक़्शे क़दम पर चलने की कोशिश करनी चाहिये । अल्लाह करीम उन के सदके़ हमें भी गुनाहों से बचने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए और ख़ूब ख़ूब नेकियां कर के जन्नत में उन नेक हस्तियों का क़ुर्ब अ़त़ा फ़रमाए ।
اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
इनफ़िरादी कोशिश करने वाले मदनी इनआम की तरग़ीब
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने हमें एक मदनी मक़्सद अ़त़ा फ़रमाया है कि "मुझे अपनी और सारी दुन्या के लोगों की इस्लाह़ की कोशिश करनी है, اِنْ شَآءَ اللّٰہ" अपनी इस्लाह़ के लिये मदनी इनआमात पर अ़मल और सारी दुन्या के लोगों की इस्लाह़ की कोशिश के लिये मदनी क़ाफ़िलों में सफ़र का मा'मूल बना लीजिये और इस त़रह़ मुसलमानों को नेक नमाज़ी बनाने, सुन्नतों का आदी बनाने और गुनाहों से बचाने के लिये उन पर इनफ़िरादी कोशिश शुरूअ़ कर दीजिये । मदनी क़ाफ़िलों के इ़लावा भी जब किसी इस्लामी भाई से मुलाक़ात हो, तो शफ़्क़त व मह़ब्बत भरे अन्दाज़ में इनफ़िरादी कोशिश कीजिये, اِنْ شَآءَ اللّٰہ इस की ढेरों बरकतें ज़ाहिर होंगी ।
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इनफ़िरादी कोशिश की तरग़ीबें तो "72 मदनी इनआमात" नामी रिसाले में भी मौजूद हैं । चुनान्चे, मदनी इनआम नम्बर 22 में है : क्या आज आप ने कम अज़ कम दो इस्लामी भाइयों को इनफ़िरादी कोशिश के ज़रीए़