Hasanain-e-Karimain ki Shan-o-Azmat

Book Name:Hasanain-e-Karimain ki Shan-o-Azmat

ह़ज़रते सय्यिदुना फ़क़ीह अबुल्लैस समरक़न्दी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : रिश्तेदारों से अच्छा सुलूक करने के 10 फ़ाइदे हैं । ٭  अल्लाह करीम की रिज़ा ह़ासिल होती है । ٭ लोगों की ख़ुशी का सबब है । ٭ फ़िरिश्तों को ख़ुशी होती है । ٭ मुसलमानों की त़रफ़ से उस शख़्स की ता'रीफ़ होती है । ٭ शैत़ान को उस से दुख पहुंचता है । ٭ उ़म्र बढ़ती है । ٭ रिज़्क़ में बरकत होती है । ٭ फ़ौत हो जाने वाले मुसलमान बाप दादा ख़ुश होते हैं । ٭ आपस में मह़ब्बत बढ़ती है । ٭ वफ़ात के बा'द उस के सवाब में  इज़ाफ़ा हो जाता है क्यूंकि लोग उस के ह़क़ में दुआए ख़ैर करते हैं । (तम्बीहुल ग़ाफ़िलीन, स. 73)

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! अपने घरों और मुआशरे को अमन का गहवारा बनाने के लिये आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मुश्कबार मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये, हर माह कम अज़ कम तीन  दिन के लिये मदनी क़ाफ़िले में सुन्नतों भरा सफ़र कीजिये और मदनी इनआमात के मुत़ाबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारिये । रिश्तेदारों से अच्छा सुलूक करने के फ़ज़ाइलो बरकात जानने के लिये शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की किताब "नेकी की दा'वत" सफ़ह़ा नम्बर 156 ता 161, रिसाला "हाथों हाथ फूफी से सुल्ह़ कर ली" और "एह़तिरामे मुस्लिम" का मुतालआ फ़रमाइये । दा'वते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से इस किताब और रसाइल को पढ़ा भी जा सकता है, डाउन लोड और प्रिन्ट आऊट भी किया जा सकता है ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                             صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد