Book Name:Hirs kay Nuqsanaat or Qana_at ki Barkaat
मोती देने लगा है, इसी त़रह़ इस का ज़हर भी ख़त्म हो गया होगा, लिहाज़ा अब मुझे इस से कोई ख़त़रा नहीं । येह सोच कर उस ने सांप को मारने का इरादा तर्क कर दिया । रोज़ाना एक क़ीमती मोती मिलने पर वोह लालची
शख़्स बहुत ख़ुश रहने लगा और सांप की पुरानी धोकेबाज़ी को भूल गया । एक दिन उस ने सारा सोना और मोती एक बरतन में डाल कर उसे दफ़्ना दिया और उस जगह पर सर रख कर सो गया, उसी रात सांप ने उसे भी डस लिया । जब उस की चीख़ें बुलन्द हुईं, तो उस के पड़ोसी, रिश्तेदार और दोस्त अह़बाब भागम भाग वहां पहुंचे और उस की ह़ालत देख कर कहने लगे कि तुम ने इसे मारने में सुस्ती की और लालच में आ कर अपनी जान दाव (या’नी नुक़्सान) पर लगा दी । लालची शख़्स शर्म के मारे कुछ न बोल सका, सोने से भरा बरतन निकाल कर उन के ह़वाले कर दिया जिसे देख कर वोह सब कहने लगे कि आज के दिन येह माल तेरे किसी काम का नहीं क्यूंकि अब येह दूसरों का हो जाएगा फिर कुछ ही देर में वोह भी मर गया । ( عیون الحکایات، الحکایۃ الثامنۃ بعد الخمسمائۃ، ص۴۳۹، ملخصاً )
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि मालो दौलत की ह़िर्स ने हंसते बसते घराने को ख़त्म कर दिया । यक़ीनन ह़रीस की निगाह मह़दूद होती है जो सिर्फ़ वक़्ती फ़ाइदा देखती है जिस की वज्ह से वोह दुरुस्त फ़ैसले करने में नाकाम रहता है और नुक़्सान उठाता है । बयान कर्दा ह़िकायत में घर के सरबराह को संभलने के कई मवाक़ेअ़ मिले, यूं कि जब पहले पहल सांप ने बकरी और गधे को डसा था, तो येही उस के लिये ख़त़रे की घन्टी थी कि वोह शख़्स होश्यार हो जाता और आइन्दा ह़िर्स से हमेशा के लिये दूरी इख़्तियार करते हुवे आइन्दा ऐसे दर्दनाक वाक़िआत की रोक थाम का इन्तिज़ाम करता मगर अफ़्सोस ! उस ने इस वाक़िए़ से इ़ब्रत ह़ासिल करने के बजाए इसे नज़र अन्दाज़ कर दिया क्यूंकि उस बद नसीब पर तो सोने का अन्डा मिलने की ह़िर्स ग़ालिब थी । लिहाज़ा सांप ने इसी पर बस न किया बल्कि ह़रीस की ग़फ़्लत का भरपूर फ़ाइदा उठाते हुवे उस के बेटे और बीवी को भी मौत के घाट उतार दिया, भाइयों और दोस्तों की नसीह़त के बा वुजूद ह़िर्स की वज्ह से वोह उस सांप को न मार सका, जिस के नतीजे में वोह ख़ुद भी मौत के मुंह में जा पहुंचा ।