Hirs kay Nuqsanaat or Qana_at ki Barkaat

Book Name:Hirs kay Nuqsanaat or Qana_at ki Barkaat

لَآ اِلٰہَ اِلَّااللہُ الْحَلِیْمُ الْکَرِیْمُ ،  سُبحٰنَ اللہ ِ رَبِّ السَّمٰوٰتِ السَّبْعِ وَرَبِّ الْعَرْشِ الْعَظِیْم

(या'नी ख़ुदाए ह़लीम व करीम के सिवा कोई इ़बादत के लाइक़ नहीं । अल्लाह पाक, पाक है जो सातों आसमानों और अ़र्शे अ़ज़ीम का परवर दगार है)

(फ़ैज़ाने सुन्नत, जिल्द अव्वल, स. 1163-1164)