Shan e Usman e Ghani

Book Name:Shan e Usman e Ghani

करते थे और इ़श्क़ो मह़ब्बत का तक़ाज़ा भी येही है कि ज़ाहिरी हु़ल्या भी प्यारे ह़बीब صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सुन्नतों का आईनादार हो । चुनान्चे,

लिबास में भी इत्तिबाए़ सुन्नत

          ह़ज़रते सय्यिदुना सलमा बिन अक्वअ़ رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़स्माने ग़नी رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ का तेह्बन्द निस्फ़ पिन्डली तक हुवा करता और इस की वज्ह आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ इरशाद फ़रमाया करते कि "هٰكَذَا كَانَتْ اِزْرَةُ صَاحِبِيْ" नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का तेह्बन्द भी इसी त़रह़ (या'नी निस्फ़ पिन्डली तक) होता था ।    

   (الشمائل المحمدیۃ،باب ماجاء فی     صفۃ ازار۔۔۔الخ،ص۸۵)

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़स्माने ग़नी رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ का सुन्नते रसूल पर अ़मल का जज़्बा मरह़बा ! आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ लिबास पहनने में भी नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की पैरवी फ़रमाया करते । हमें भी चाहिये कि ऐसा लिबास पहनें जो इस्लामी ता'लीमात के मुत़ाबिक़ हो, फै़शन वाले, तंग व चुस्त लिबास पहनने से न सिर्फ़ ख़ुद बचना चाहिये बल्कि दूसरी इस्लामी बहनों को भी शफ़्क़त व मह़ब्बत के साथ समझाते हुवे सुन्नतों पर अ़मल की तरग़ीब दिलानी चाहिये ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!        صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! आइये ! अब अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़स्माने ग़नी رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ के चन्द अल्क़ाबात और उन की वुजूहात सुनिये ।

पहला लक़ब "ज़ुन्नूरैन"

        अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़स्माने ग़नी رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ का एक मश्हूरो मा'रूफ़ लक़ब "ज़ुन्नूरैन" या'नी दो नूर वाला भी है । इस लक़ब की ज़ियादा मश्हूर वज्ह येह है कि आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ के निकाह़ में यके बा'द दीगरे हु़ज़ूरे पुरनूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की दो शहज़ादियां ह़ज़रते सय्यिदतुना