Tarke Jamat Ki Waeeden

Book Name:Tarke Jamat Ki Waeeden

बा'? फ़रमाया : नमाज़ । उस ने अ़र्ज़ किया : इस के बा'? फ़रमाया : नमाज़ । उस ने अ़र्ज़ किया : इस के बा'? फ़रमाया : अल्लाह पाक की राह में जिहाद करना । (مسند امام احمد، مسند عبداللّٰه بن عمرو بن العاص ،٢/٥٨٠، حدیث:٦٦١٣)

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! देखा आप ने कि नमाज़ किस क़दर अफ़्ज़ल है कि नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अफ़्ज़ल आ'माल के बारे में किये गए सुवाल के जवाब में तीन मरतबा फ़रमाया सब से अफ़्ज़ल अ़मल नमाज़ है" और चौथी मरतबा जिहाद का नाम इरशाद फ़रमाया । लिहाज़ा हमें चाहिये कि नमाज़ को अपने तमाम तर दुन्यवी झमेलों पर तरजीह़ दें और नमाज़ का वक़्त होते ही सारे काम काज छोड़ कर नमाज़ की तय्यारी में मसरूफ़ हो जाया करें और निहायत ही ख़ुशूअ़ व ख़ुज़ूअ़ के साथ नमाज़ अदा किया करें क्यूंकि सह़ीह़ त़ौर पर नमाज़ पढ़ने से जहां दीनो दुन्या की बे शुमार बरकतें ह़ासिल होती हैं, वहीं इस का एक बेहतरीन उख़रवी फ़ाइदा येह भी है कि कल बरोज़े क़ियामत येही नमाज़ हमारी नजात व मग़फ़िरत का बाइ़स बन जाएगी । जैसा कि :

ख़ुशूअ़ व ख़ुज़ूअ़ से नमाज़ पढ़ने वाले की मग़फ़िरत

          नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : अल्लाह पाक ने पांच नमाज़ें फ़र्ज़ फ़रमाई हैं, जो इन के लिये बेहतर त़रीके़ से वुज़ू करे और इन्हें इन के वक़्त में अदा करे और इन के रुकूअ़ व सुजूद, ख़ुशूअ़ के साथ पूरे

करे, तो अल्लाह पाक के ज़िम्मए करम पर है कि उस की मग़फ़िरत फ़रमा दे और जो इन्हें अदा नहीं करेगा, अल्लाह पाक के ज़िम्मे उस के लिये कुछ नहीं, चाहे तो उसे मुआफ़ फ़रमा दे और चाहे तो उसे अ़ज़ाब दे । (سنن ابوداؤد ، کتا ب الصلوۃ ، با ب المحا فظۃ علی وقت الصلوات، رقم ۴۲۵، ج۱، ص ۱۷۶)

हर नमाज़ पिछले गुनाहों का कफ़्फ़ारा है !

        ह़ज़रते ह़ारिस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ रिवायत करते हैं कि ह़ज़रते उ़स्मान رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ एक दिन तशरीफ़ फ़रमा थे और हम भी बैठे थे कि मोअज़्ज़िन आ गया । ह़ज़रते उ़स्मान رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने पानी मंगवा कर वुज़ू किया फिर फ़रमाया कि मैं