Faizan e Shabaan

Book Name:Faizan e Shabaan

की आ'ला ने'मतों से मह़ज़ूज़ (या'नी लुत़्फ़ अन्दोज़) होना चाहते हैं, तो हमें बुज़ुर्गाने दीन رَحِمَہُمُ اللہُ الْمُبِیْن के त़रीके़ पर चलते हुवे, फ़िक्रे आख़िरत करते हुवे और गुनाहों से बचते हुवे नेक आ'माल की कसरत करनी होगी ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                                            صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम

"हफ़्तावार सुन्नतों भरा इजतिमाअ़"

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! फ़िक्रे आख़िरत की मदनी सोच और नेक आ'माल पर इस्तिक़ामत पाने के लिये आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता रहते हुवे ज़ैली ह़ल्क़े के 12 मदनी कामों में बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लेने वाले बन जाएं । ज़ैली ह़ल्क़े के 12 मदनी कामों में से हफ़्तावार एक मदनी काम "हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़" में शिर्कत करना भी है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में ह़ाज़िरी की बरकत से फ़िक्रे आख़िरत नसीब होती है, हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में दुआएं क़बूल होती हैं, हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में अल्लाह पाक के नेक बन्दों का ज़िक्रे ख़ैर होता है ।

        ह़ज़रते सय्यिदुना सुफ़्यान बिन उ़यैना رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : عِنْدَذِکْرِ الصّٰلِحِیْنَ تَنْزِلُ الرَّحْمَۃُ या'नी नेक लोगों के ज़िक्र के वक़्त रह़मते इलाही उतरती है ।

 (حلیۃ الاولیاء، سفیان بن عیینہ،۷ / ۳۳۵ ، رقم: ۱۰۷۵۰)

        आइये ! बत़ौरे तरग़ीब हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में ह़ाज़िरी की एक मदनी बहार सुनिये और इजतिमाअ़ में पाबन्दी के साथ ह़ाज़िर होने की निय्यत कीजिये । चुनान्चे,

मस्ख़रे की तौबा

        मर्कज़ुल औलिया के एक इस्लामी भाई गुनाहों और ग़फ़्लत की वादियों में गुम थे, एक इस्लामी भाई ने उन्हें दा'वते इस्लामी के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ की दा'वत पेश की, येह उन की दा'वत पर इजतिमाअ़ में जा पहुंचे,