Yazeediyon Ka Bura Kirdar

Book Name:Yazeediyon Ka Bura Kirdar

सब ताज व ह़ुकूमत और दुन्यावी मालो दौलत की मह़ब्बत में किया क्यूंकि उस ज़ालिम को इमामे आ़ली मक़ाम, ह़ज़रते इमामे ह़ुसैन رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ की ज़ाते गिरामी से अपने इक़्तिदार को ख़त़रा मह़सूस होता था, ह़ालांकि ह़ज़रते इमामे ह़ुसैन رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को दुन्याए ना पाएदार से क्या सरोकार ! आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ तो कल भी उम्मते मुस्लिमा के दिलों के ताजदार थे, आज भी हैं और रेहती दुन्या तक रहेंगे मगर उस यज़ीद बदबख़्त ने मालो दौलत के नशे में बदमस्त हो कर अपनी आख़िरत के साथ साथ दुन्या भी तबाहो बरबाद कर डाली ।

          इस से येह मालूम होता है कि दुन्या की मह़ब्बत हर फ़ितना व फ़साद का सबब है, येह सारी तबाही दुन्या की मह़ब्बत ही ने मचाई है । दुन्या की मह़ब्बत इन्सान को ज़ालिम बना देती है, दुन्या की मह़ब्बत इन्सान को बे ह़िस व बेबाक बना देती है, दुन्या की मह़ब्बत इन्सान को पथ्थर दिल बना देती है, दुन्या की मह़ब्बत आमाल को ज़ाएअ़ कर देती है, दुन्या की मह़ब्बत दीन को

नुक़्सान पहुंचाने का सबब है, दुन्या की मह़ब्बत गुमराही का सबब है, दुन्या की मह़ब्बत इन्सान को नेकियों से दूर कर देती है, दुन्या की मह़ब्बत आख़िरत की याद से ग़ाफ़िल कर देती है, दुन्या की मह़ब्बत इ़श्के़ ख़ुदा व इ़श्के़ मुस्त़फ़ा से मह़रूम कर देती है, दुन्या की मह़ब्बत ही गुनाहों पे दिलेर कर देती है, अल ग़रज़ ! दुन्या की मह़ब्बत में किसी भी त़रह़ की भलाई नहीं है । आइए ! दुन्या की मज़म्मत पर 2 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم सुनते हैं :

1.   दुन्या की मह़ब्बत तमाम गुनाहों की जड़ है । (موسوعۃ ابن ابی الدنیا، کتاب ذم الدنیا،۵/۲۲،  حدیث:۹)

2.   छे चीज़ें अ़मल को ज़ाएअ़ कर देती हैं : (1) मख़्लूक़ के उ़यूब की टोह में लगे रेहना । (2) दिल की सख़्ती । (3) दुन्या की मह़ब्बत । (4) ह़या की कमी । (5) लम्बी उम्मीद और (6) ह़द से ज़ियादा ज़ुल्म । (کنزالعمال، کتاب المواعظ  والرقاق۔۔الخ،قسم الاقوال،جزء: ۱۶،   ۸/۳۶،حدیث:۴۴۰۱۶)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          ऐ आ़शिक़ाने सह़ाबाओ अहले बैत ! आप ने सुना ! दुन्या किस क़दर ह़क़ीर चीज़ है, लिहाज़ा इस को अहम समझना बड़ी बे वुक़ूफ़ी है क्यूंकि अल्लाह पाक के नज़दीक तो दुन्या की ह़ैसिय्यत मच्छर के पर के बराबर भी नहीं है । याद रखें ! येह दुन्या तो आख़िरत की खेती है, अगर हम इस में अच्छे आमाल की सूरत में बीज बोएंगे, तो आख़िरत में अज्रो सवाब की सूरत में फ़सल काट सकेंगे, लिहाज़ा मालो दौलत की ह़िर्स पालने के बजाए अल्लाह पाक की त़रफ़ से जो नेमतें अ़त़ा की गईं हैं, उन्ही पर क़नाअ़त करते हुवे उस की रिज़ा पर राज़ी रेहते हुवे ह़िर्स की आलूदगियों से ख़ुद को बचाना चाहिए ।

          ऐ आ़शिक़ाने सह़ाबाओ अहले बैत ! दुन्यावी मालो दौलत के ह़ुसूल की ख़्वाहिश व कोशिश करने के बजाए आख़िरत की नेमतों को पाने के लिए ख़ूब नेकियां कीजिए और दुन्या से बे रग़बती इख़्तियार कीजिए । सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان ने ह़ुज़ूरे पाक, साह़िबे लौलाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم से अ़र्ज़ की : हम सब में बेहतर कौन है ? इरशाद फ़रमाया : اَزْہَدُکُمْ فِی الدُّنْیَاوَاَرْغَبُکُمْ فِی الْاٰخِرَۃِ तुम में सब से