Book Name:Yazeediyon Ka Bura Kirdar
करना, मुख़्तलिफ़ शोबाजात के बस्ते (Stall) लगवाना वग़ैरा इस शोबे की ज़िम्मेदारियों में शामिल है । अल्लाह करीम शोबा "हफ़्तावार इजतिमाअ़" को मज़ीद तरक़्क़ियां अ़त़ा फ़रमाए । اٰمِیْن
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
ऐ आ़शिक़ाने सह़ाबाओ अहले बैत ! अभी हम ने बिल ख़ुसूस उन गुनाहों की मज़म्मत और उन के नुक़्सानात सुने, जिन को यज़ीद पलीद ने आ़म किया । याद रखिए ! गुनाह चाहे छोटा हो या बड़ा, उस में नुक़्सान ही नुक़्सान है और गुनाहों में किस क़दर नुह़ूसत है, इस की तबाही व बरबादी का अन्दाज़ा इस रिवायत से लगाइए । चुनान्चे, अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते उ़मर बिन ख़त़्त़ाब رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने फ़रमाया कि तुम अल्लाह पाक के इस फ़रमान से हरगिज़ धोके में न पड़ना :
مَنْ جَآءَ بِالْحَسَنَةِ فَلَهٗ عَشْرُ اَمْثَالِهَاۚ-وَ مَنْ جَآءَ بِالسَّیِّئَةِ فَلَا یُجْزٰۤى اِلَّا مِثْلَهَا) پ۸،الانعام: ۱۶۰(
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : जो एक नेकी लाए, तो उस के लिए उस जैसी दस नेकियां हैं और जो कोई बुराई लाए, तो उसे सिर्फ़ उतना ही बदला दिया जाएगा ।
क्यूंकि गुनाह अगर्चे एक ही हो, अपने साथ दस बुरी ख़स्लतें ले कर आता है : (1) जब बन्दा गुनाह करता है, तो अल्लाह पाक को ग़ज़ब दिलाता है और वोह उसे पूरा करने पर क़ुदरत रखता है । (2) वोह (यानी गुनाह करनेवाला) इब्लीसे मल्ऊ़न को ख़ुश करता है । (3) जन्नत से दूर हो जाता है । (4) जहन्नम के क़रीब आ जाता है । (5) वोह अपनी सब से प्यारी चीज़ यानी
अपनी जान को तक्लीफ़ देता है । (6) वोह अपने बात़िन को नापाक कर बैठता है, ह़ालांकि वोह पाक होता है । (7) आमाल लिखने वाले फ़िरिश्तों यानी किरामन कातिबीन को ईज़ा देता है । (8) वोह नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم को रौज़ए मुबारका में रन्जीदा करता है । (9) ज़मीनो आसमान और तमाम मख़्लूक़ को अपनी ना फ़रमानी पर गवाह बना लेता है । (10) वोह तमाम इन्सानों से ख़ियानत और रब्बुल आ़लमीन की ना फ़रमानी करता है । (بحرالدموع ،الفصل الثانی عواقب المعصية ،ص:۳۰)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
ख़ुश्बू लगाने की सुन्नतें और आदाब
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आइए ! ख़ुश्बू लगाने की चन्द सुन्नतें व आदाब सुनने की सआ़दत ह़ासिल करते हैं । पेहले 2 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم मुलाह़ज़ा कीजिए :
1. फ़रमाया : मुझे तुम्हारी दुन्या में तीन चीज़ें पसन्द हैं । (1) ख़ुश्बू (2) औ़रतें और (3) मेरी आंखों की ठन्डक नमाज़ में बनाई गई । (المنبھات،ص ۲۷)
2. फ़रमाया : चार चीज़ें नबियों की सुन्नत में दाख़िल हैं । निकाह़, मिस्वाक, ह़या और ख़ुश्बू लगाना । (مشکاۃ المصابیح،کتاب الطہارۃ،باب السواک،۱/ ۸۸،حدیث:۳۸۲)
* आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم ख़ुश्बू का तोह़फ़ा रद्द नहीं फ़रमाते । (ترمذی،الشمائل،باب ماجاء فی تعطررسول اللہ،حدیث:۲۱۶،۵/۵۴۰) * नमाज़े जुम्आ़ के लिए तेल और ख़ुश्बू लगाना मुस्तह़ब है । (बहारे शरीअ़त, ह़िस्सा : 4, 1 / 774, मुलख़्ख़सन) * नमाज़ में रब्बे करीम से मुनाजात है, तो इस के लिए ज़ीनत करना, इ़त्ऱ लगाना