Book Name:Yazeediyon Ka Bura Kirdar
मुस्तह़ब है । (नेकी की दावत, स. 207) * आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم हमेशा उ़म्दा ख़ुश्बू इस्तिमाल करते और इसी की दूसरे लोगों को भी तल्क़ीन फ़रमाते । (सुन्नतें और आदाब, स. 83) * ना ख़ुश गवार बू आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم ना पसन्द फ़रमाते । (सुन्नतें और आदाब, स. 83) * मर्दों को अपने लिबास पर ऐसी ख़ुश्बू इस्तिमाल करनी चाहिए जिस की ख़ुश्बू फैले मगर रंग के धब्बे वग़ैरा नज़र न आएं । (सुन्नतें और आदाब, स. 85) * औ़रतों के लिए मेहक की मुमानअ़त उस सूरत में है जबकि वोह ख़ुश्बू अजनबी मर्दों तक पहुंचे, अगर वोह घर में इ़त्ऱ लगाएं जिस की ख़ुश्बू ख़ावन्द, औलाद या मां-बाप तक ही पहुंचे, तो ह़रज नहीं । (सुन्नतें और आदाब, स. 85) * इस्लामी बहनों को ऐसी ख़ुश्बू नहीं लगानी चाहिए जिस की ख़ुश्बू उड़ कर ग़ैर मर्दों तक पहुंच जाए । (सुन्नतें और आदाब, स. 86) * सरकारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم की आ़दते करीमा थी कि आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم मुश्क सरे अक़्दस के मुक़द्दस बालों और दाढ़ी मुबारक में लगाते । (सुन्नतें और आदाब, स. 83) * ऐर फ्रे़शनर के इस्तिमाल से इजतिनाब करना चाहिए । (सुन्नतें और आदाब, स. 84)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد