Seerat e Bibi Khadija tul Kubra

Book Name:Seerat e Bibi Khadija tul Kubra

तो फट जाते, येह तो ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم) का क़ुव्वत वाला दिल है जो ठेहरा रहा । (मिरआतुल मनाजीह़, 8 / 96, मुल्तक़त़न)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! हम उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते ख़दीजा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا की सीरत से मुतअ़ल्लिक़ मज़ीद पेहलूओं के बारे में सुनेंगे मगर इस से पेहले आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا का मुख़्तसर ज़िक्रे ख़ैर सुनते हैं । चुनान्चे,

ह़ज़रते ख़दीजतुल कुब्रा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا का तआ़रुफ़

          ٭ आप का नाम "ख़दीजा", वालिद का नाम "ख़ुवैलद" और वालिदा का नाम "फ़ात़िमा" है । ٭ ह़ज़रते ख़दीजा की कुन्यत "उम्मुल क़ासिम" और "उम्मे हिन्द" है । ٭ आ़मुल फ़ील से 15 साल पेहले पैदा हुईं । ٭ अल्क़ाबात "त़ाहिरा", "सय्यिदा", "सिद्दीक़ा" और "कुब्रा" हैं । ٭ आख़िरी लक़ब नाम के साथ इस कसरत से बोला जाता है कि गोया नाम ही का ह़िस्सा हो । ٭ औ़रतों में सब से पेहले इस्लाम क़बूल किया ।٭ इन का नसब सिर्फ़ तीन वासित़ों से ह़ुज़ूरे अक़्दस صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم के नसब शरीफ़ से मिल जाता है । ٭ अ़रब के सब से मोह़तरम क़बीले "क़ुरैश" से तअ़ल्लुक़ रखती थीं । ٭ ख़ातूने जन्नत, ह़ज़रते फ़ात़िमतुज़्ज़हरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا की वालिदए माजिदा और नौजवानाने जन्नत के सरदार, ह़ज़राते ह़सनैने करीमैन رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُمَا की नानीजान हैं । ٭ जिन्हों ने अपनी सारी दौलत ह़ुज़ूरे अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم के क़दमों पर क़ुरबान कर दी और अपनी तमाम उ़म्र ह़ुज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم की ख़िदमत करते हुवे गुज़ारी । ٭ आप के निकाह़ की मुबारक तक़रीब रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم के सफ़रे शाम से वापसी के  2 माह 25 दिन बाद हुई । ٭ रसूले पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم से निकाह़ 40 साल की उ़म्र में हुवा जबकि उस वक़्त रसूले पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم की उ़म्रे मुबारक 25 साल थी (طبقات ابن سعد،رقم: ۴۰۹۶،ذکرخدیجہ بنت خولید،۸/۱۳) ٭ इन की ज़िन्दगी में रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم ने किसी और से निकाह़ न फ़रमाया । तक़रीबन 25 साल रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم की शरीके ह़यात रहीं । ٭ एलाने नुबुव्वत के दसवें साल 10 रमज़ानुल मुबारक में विसाल फ़रमाया । ٭ विसाल 65 साल की उ़म्र में हुवा । ٭ "जन्नतुल माला" (मक्के शरीफ़) में आराम फ़रमा हैं ।

          मज़ीद मालूमात के लिए मक्तबतुल मदीना की किताब "फै़ज़ाने उम्महातुल मोमिनीन" सफ़ह़ा 31 ता 39 और रिसाला "फै़ज़ाने ख़दीजतुल कुब्रा" का मुत़ालआ़ फ़रमाइए, दावते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से इस किताब और रिसाले को पढ़ा भी जा सकता है, डाउनलोड और प्रिन्ट आउट भी किया जा सकता है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ "72 नेक आमाल" नामी रिसाले में किताब या रिसाला पढ़ने की तरग़ीब मौजूद है । चुनान्चे, नेक अ़मल नम्बर 12 है : क्या आज आप ने आला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ या मक्तबतुल मदीना की किसी किताब या रिसाले या माहनामा फै़ज़ाने मदीना को कम अज़ कम 12 मिनट पढ़ा या सुना ?

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد