Book Name:Seerat e Bibi Khadija tul Kubra
जिस में रूह़ निकलने के वक़्त के अहम काम, ग़ुस्ले मय्यित का मुकम्मल त़रीक़ए कार, कफ़न तय्यार करने का त़रीक़ा, नमाज़े जनाज़ा का त़रीक़ा, क़ब्र बनाने और दफ़्न करने के तमाम मुआ़मलात ब ज़रीआ़ 3D Video सिखाने की कोशिश की गई है । इ़ल्मे दीन सीखने का जज़्बा रखने वाले इस्लामी भाई इस ऐप्लीकेशन को प्ले स्टोर (Play Store) से "Muslim’s Funeral" के नाम से सर्च कर के इन्सटॉल कर सकते हैं ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! ह़ज़रते ख़दीजा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا एक अ़ज़ीम ख़ातून थीं, जो हर लिह़ाज़ से कामिलो अक्मल थीं । मसलन ٭ ख़ानदान ٭ शराफ़त ٭ अख़्लाक़ ٭ किरदार ٭ मालो दौलत और ٭ लोगों के साथ ख़ैर ख़्वाही में वोह अपने दौर की बे मिसाल शख़्सिय्यत थीं । आइए ! अब ह़ज़रते ख़दीजा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا का ह़ुज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم के साथ निकाह़ का वाक़िआ़ सुनते हैं । चुनान्चे,
रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم के साथ निकाह़ का सबब
रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم के साथ ह़ज़रते ख़दीजा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا के निकाह़ का एक सबब आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم का सफ़रे शाम था कि जब ह़ज़रते ख़दीजा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا ने अपने ग़ुलाम "मैसरह" की ज़बानी प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم की पैग़म्बराना सिफ़ात सुनीं और ख़ुद भी फ़िरिश्तों को आप पर साया किए देखा, तो येह बातें आप के साथ निकाह़ करने में रग़बत का बाइ़स बनीं । येह भी मरवी है : ख़वातीने क़ुरैश की एक ई़द हुवा करती थी, जिस में वोह बैतुल्लाह शरीफ़ में जम्अ़ हुवा करतीं । एक दिन इसी सिलसिले में वोह यहां जम्अ़ थीं कि मुल्के शाम का एक शख़्स आया और उन्हें पुकार कर कहा : ऐ गिरोहे क़ुरैश की औ़रतों ! अ़न क़रीब तुम में एक नबी ज़ाहिर होगा जिसे "अह़मद" कहा जाएगा, तुम में से जो औ़रत भी उन की ज़ौजा बनने का शरफ़ ह़ासिल कर सकती हो, वोह ऐसा ज़रूर करे । येह सुन कर औ़रतों ने उसे पथ्थर और कंकर मारे, बहुत बुरा भला कहा और निहायत सख़्त कलामी की लेकिन ह़ज़रते ख़दीजा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا ने ख़ामोशी इख़्तियार फ़रमाई और इस बात को अपने ज़ेह्न में मह़फ़ूज़ कर लिया । इस के बाद जब मैसरह ने आप को वोह निशानियां बताईं जो उन्हों ने देखी थीं और ख़ुद आप ने भी जो कुछ देखा था, इस की वज्ह से आप के ज़ेह्न में येह ख़याल पैदा हुवा कि अगर उस शख़्स ने सच कहा था, तो वोह येही शख़्सिय्यत हो सकते हैं । ( الخ،الباب الرابع عشر،۲/۱۶۴ الهدى و الرشاد، جماع ابواب بعض الامور)
सरकारे अक़्दस صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم के अख़्लाक़ो आ़दात से मुतास्सिर हो कर ह़ज़रते ख़दीजा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہَا ने अपनी सहेली (नफ़ीसा बिन्ते मुन्या) को आप की रिज़ा मालूम करने के लिए भेजा । ह़ुज़ूरे अक़्दस صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم की रिज़ा मालूम करने के बाद (नफ़ीसा बिन्ते मुन्या) ह़ज़रते ख़दीजा