Book Name:Siddique e Akbar Ki Sakhawat
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : और किसी का उस पर कुछ एह़सान नहीं जिस का बदला दिया जाना हो, सिर्फ़ अपने सब से बुलन्द शान वाले रब की रिज़ा तलाश करने के लिए और बेशक क़रीब है कि वोह ख़ुश हो जाएगा ।
तफ़्सीरे ख़ज़ाइनुल इ़रफ़ान में लिखा है : जब अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने ह़ज़रते बिलाल رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को बहुत ज़ियादा क़ीमत पर ख़रीद कर आज़ाद किया, तो ग़ैर मुस्लिमों को ह़ैरत हुई और वोह केहने लगे : अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने ऐसा क्यूं किया ? शायद ह़ज़रते बिलाल رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का उन पर कोई एह़सान होगा जो उन्हों ने इतनी ज़ियादा क़ीमत दे कर ख़रीदा और आज़ाद किया । इस पर येह आयते मुबारका नाज़िल हुई और बता दिया गया कि अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का येह फे़ल किसी के एह़सान का बदला नहीं बल्कि सिर्फ़ अल्लाह करीम की रिज़ा के लिए है । अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने बहुत से ग़ुलामों को उन के इस्लाम लाने के सबब ख़रीद कर आज़ाद किया । (ख़ज़ाइनुल इ़रफ़ान, स. 1108, मुलख़्ख़सन)
ख़ैर ख़्वाही का बे मिसाल जज़्बा
ह़ज़रते उ़रवह رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है : अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने ऐसे 7 ग़ुलाम ख़रीद कर आज़ाद किए जिन्हें राहे ख़ुदा में बहुत तकालीफ़ दी जाती थीं । अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने राहे ख़ुदा में सताए जाने वाले जिन ग़ुलामों को ख़रीद कर आज़ाद किया, उन के नाम येह हैं : (1) ह़ज़रते बिलाल (2) ह़ज़रते आ़मिर बिन फ़ुहैरा (3) ह़ज़रते ज़ुबैरह (4) ह़ज़रते उम्मे उ़बैस (5) ह़ज़रते नहदिय्या (6) इन की बेटी (7) इबने अ़म्र बिन मुवम्मल की बान्दी رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُمْ । (الریاض النضرۃ،۱/۱۳۳)